आदित्यपुर: सरायकेला-खरसावां ज़िला के आदित्यपुर के चर्चित III सेव लाइफ अस्पताल के संचालक डॉ ओपी आनंद के खिलाफ दायर एफआईआर को झारखंड हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया है. झारखंड हाइकोर्ट ने कहा है कि इस केस को गलत ने तरीके से दायर किया गया है और विद्वेषपूर्ण कार्रवाई की गई है.
झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में सीआरएमपी नंबर 2110/ 2021 की सुनवाई करते हुए एफआईआर को ही क़ुआशिंग ( एफआईआर खारिज करने की याचिका) को मंजूरी दी है और केस को ही खारिज कर दी है. जस्टिस ने माना है कि भ्रष्टाचार का विरोध करने के कारण यह केस किया गया है और गलत तरीका अपनाया गया है. डॉ ओपी आनंद की ओर से झारखंड हाइकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद ने केस की पैरवी की थी.
क्या था मामला
इलाज में लापरवाही बरतने और मरीज के परिजनों के साथ बदसलूकी करते हुए उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने एवं धन दोहन मामले में सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर स्थित 111 सेव लाइफ अस्पताल के संचालक डॉ ओपी आनंद को आईपीसी कीधारा 120B, 420, 304, 386, 354C और 34 के दोषी मानते हुए जांच पदाधिकारी ने न्यायालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. वैसे इस मामले में दो अन्य अभियुक्त डॉक्टर रक्षित आनंद और डॉक्टर ओपी आनंद की पत्नी सरिता आनंद को भी आरोपी बनाया गया था. डॉक्टर ओपी आनंद बीते 23 मई 2021 को ही न्यायिक हिरासत (जेल) में भेज दिया था. गौरतलब है कि कोरोना महामारी के दूसरी लहर के दौरान 111 सेव लाइफ अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीजों के इलाज के नाम पर जबरन धन उगाही और मरीज के परिजनों के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगा था. जिसके बाद जिला प्रशासन और पुलिसिया अनुसंधान में डॉ ओपी आनंद, डॉ रक्षित आनंद एवं डॉक्टर ओपी आनंद की पत्नी सरिता आनंद पर लगे आरोप सही पाए गए हैं. विदित रहे कि आदित्यपुर 2 स्थित 111 सेव लाइफ अस्पताल के संचालक डॉक्टर ओपी आनंद उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के मौखिक निर्देश पर प्रभारी सिविल सर्जन के साथ 2 सदस्यीय टीम नेअस्पताल का निरीक्षण किया था. जहां जांच टीम ने अस्पताल में कई खामियां पाई थी. उसके बाद डॉक्टर ओपी आनंद ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ अमर्यादित भाषाओं का प्रयोग किया था. हालांकि बाद में डॉक्टर आनंद ने सार्वजनिक रूप से अपने कृत्य पर स्वास्थ्य मंत्री से माफी मांग ली थी. लेकिन फिर भी उनके खिलाफ एफआईआर दायर कर डॉ ओपी आनंद समेत अन्य को जेल भेज दिया था.