गम्हरिया: बलरामपुर में वन भूमि की जमीन पर अतिक्रमण और खरीद- बिक्री मामले की जांच वन विभाग की ओर से शुरू किए जाने पर इसका श्रेय पिछले दिनों दुर्गा सोरेन सेना के जिलाध्यक्ष सन्नी सिंह ने लिया था और कहा था कि उनके प्रयासों से ही सरकारी जमीनों की खरीद बिक्री का खुलासा हुआ है.
इधर शनिवार को बलरामपुर जाहेर प्रांगण में मांझी बाबा के नेतृत्व में एक सभा बुलायी गयी, जिसमें बलरामपुर बोलाईडीह मौजा के स्थाई आदिवासी निवासी महिला एवं पुरुष भारी संख्या में उपस्थित हुए. इस सभा में आदिवासी मूलवासी समुदायों ने सन्नी सिंह द्वारा दिए गए बयान पर कड़ी आपत्ति जताई गई. जिसमें कहा गया कि आदिवासी सुरक्षित प्रावधान वाले क्षेत्र में स्थित वन विभाग की भूमि पर सरकारी गैर मजूरवा भूमि एवं रैयती भूमि पर तीन-चार वर्षों से इस विशेष आदिवासी सुरक्षित प्रावधान वाले क्षेत्र में राजनीतिक सरपरस्ती में खाली पड़े भूमि पर अवैध रूप से एवं असंवैधानिक तरीके से बाहरी गैर आदिवासी समुदायों द्वारा कब्जा करके बिक्री की गई है एवं आज भी बेची जा रही है. ग्रामीणों द्वारा विरोध करने पर आदिवासी ग्रामीणों के खिलाफ ही गलत आरोप लगाकर प्राथमिकी दर्ज की जाती है. इस संदर्भ में आदिवासी मूलवासी समुदाय ने संपर्क अभियान चलाया एवं अपनी समस्याओं के बारे में ग्रामीणों को जानकारी दी. इस संपर्क अभियान के दौरान उनकी मुलाकात आदिवासी मूलवासी रक्षा पार्टी के अध्यक्ष सह मुख्य सलाहकार श्री संग्राम मार्डी से हुई..आदिवासी मूलवासी समुदाय ने अपनी फरियाद राज्यपाल से लेकर राष्ट्रपति तक पहुंचाई. जिला प्रशासन एवं वन विभाग के साथ भी पत्राचार किया. जिसके परिणाम स्वरूप वन विभाग की टीम ने पिछले दिनों अपनी जमीन का सीमांकन शुरू किया है. ऐसे में सन्नी सिंह द्वारा यह कहना, कि उनके प्रयासों से सरकारी जमीन की खरीद- बिक्री की जांच शुरू की गई है, जो बिल्कुल तथ्य हीन और निराधार है. आदिवासी मूलवासी समुदाय ने सन्नी सिंह के इस बयान का विरोध किया है. मौके पे मुख्य रूप से धनु राम मांझी, होपना मांझी, फागू मांझी, मालती मार्डी, सोनिया माझी, रवि टुडू, अर्जुन हेंब्रम, डॉक्टर माझी, सुरगा हेंब्रम, माझी बाबा, सोमाय मांझी एवं आदिवासी समुदाय के लोग उपस्थित थे.