खरसावां: झारखंड अलग राज्य के गठन के बाद वर्ष 2004 में खरसावां को जोडने वाला चिलकु, डीपासाई बंदिराम, चिलकु की सड़कें बनी थी. लगभग 18 वर्षो के गुजर जानें के बाद भी दोबारा इस सड़क पर किसी ने ध्यान नही दिया. जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा एवं जिला प्रशासन के उदासीनता के कारण आज सड़क अत्यत जर्जर हो चुका है. इस जर्जर सड़क पर वाहन, साईकिल चलाना दूर की बात है, पैदल चलना भी मुश्किल है.
खरसावां प्रखण्ड मुख्यालय से मात्र 5 किलोमीटर के दायरे में स्थित दितसाई, डिपासाई, चिलकु एवं बदिराम को जोडने वाला सडक आज तक नही बन पाना दुग्भार्गपूण है. चिलकु को बदिराम, डीपासाई, कदमडीहा से होते हुए खरसावां सरायकेला मुख्य मार्ग को जोडने वाला सडक एवं खरसावां शहरी क्षेत्र के धर्मशाला चैक से दितसाई होते हुए बदिराम गांव को जोडने वाली सडक चलने लायक नही है. कहने को तो पक्की सडके है, पर सडक का पता नही है. सडक के दोनो छोर छतिग्रस्त हो चुके है. सडक पर कभी भी घटना घट सकती है. देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि सडक मौत को दावत दे रहा है. आये दिन इस सडक पर छोटी छोटी दुर्घटनाएं होती रहती है. इस सडक से कई बार मंत्री, जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन के अधिकारी कई बार दौरा कर चुके है. पर किसी का ध्यान जर्जर सडक पर नही जाता है. पांच किलोमीटर के दायरे में स्थित दितसाई, डिपासाई, चिलकु एवं बदिराम गांवो के बीच कई पीसीसी सडक है पर वो भी दयनिय स्थिति में है. ग्रामीणों का कहना है कि पचायत प्रतिनिधि से लेकर विधानसभा स्तर के कई प्रतिनिधि से गुहार लगाने के बाद भी किसी ने सड़क पर ध्यान नही दिया.
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