सरायकेला: सरकार द्वारा बालू के उत्खनन, ढुलाई व आपूर्ति पर रोक और नियमों में पेचीदगियों के कारण गांवों मे बन रहे पीएम आवास, पीसीसी पथ, शौचालय निर्माण कार्य अधर में लटक गया है. सरायकेला- खरसावां जिला के ईचागढ़ व कुकड़ू प्रखंड क्षेत्र की ही अगर हम बात करें, जहां सुवर्ण रेखा, करकरी जैसी नदियों में बालू का अथाह भंडार रहने के बाद भी सरकारी नियम नियमों की जटिलताओं के कारण लोगों को बालू नहीं मिल रहा है.
सरकार के आदेश पर एक तरफ अवैध बालू उत्खनन पर रोक लगाया गया है, तो दूसरी ओर ईचागढ़ के जारगोडीह घाट पर जेएसएमडीसी द्वारा बालू बेचा जा रहा है, मगर आनलाइन बालू खरीदने के लिए बालू की बुकिंग जमशेदपुर- रांची जैसे शहरों के बड़े- बड़े बिल्डरों द्वारा किया जाता है. हाइबा से लोड कर शहरों में ले जाया जाता है, जो गरीब तबके व मध्यम वर्गीय लोगों की पहुंच से बाहर है. ग्रामीणों का कहना है कि पीएम आवास व गांवों में निर्माण कार्य रूक गया है. पीएम आवास बहुत कम लागत से बनाया जाता है, जिससे तय समय पर निर्माण कार्य नहीं होने से एक तो उन्हें समय पर लाभ नहीं मिल सकेगा, दूसरा बालू महंगी कीमतों में खरीदने से लागत बढ़ जाएगा. वहीं 15 वें वित्त आयोग द्वारा स्वीकृत छोटे- छोटे पक्की नाली, स्नान घाट, पीसीसी पथ आदि अधर मे लटक गया है. लाभुकों व ग्रामीणों का कहना है कि बालू, चिप्स आदि के नियमों में बदलाव कर ग्रामीण क्षेत्रों मे इसकी सुलभता से आपुर्ति करायी जाए, ताकि आम ग्रामीण जनता सरकारी आवास व अन्य योजनाओं को समय पर पूर्ण कर सके. क्षेत्र में बालू का उठाव व क्रशर बंद होने से मजदूरों मे भी भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है. लोग पलायन करने को विवश है. एक समाजसेवी मनोरंजन सिंह ने बताया कि बालू, चिप्स पर रोक लगने से अधिकांश पीएम आवास का काम रूक गया है. मजदूर पलायन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को बालू, चिप्स सुलभता से उपलब्ध कराने के लिए पहल करनी चाहिए.