राजनगर: जेष्ठ मास की पूर्णमासी को उड़िया भाषी समुदाय राजो संक्रांति के रूप में मनाते हैं. मूलवासियों के लिए भी राजो संक्रांति बड़ा त्यौहार होता है, जिसे लोग बेहद ही उल्लास से मनाते हैं.
सरायकेला- खरसावां जिला के राजनगर प्रखंड अंतर्गत भरतपुर, पियालगोडा और कुंवरदा गांव में मंगलवार को रजो संक्रांति उत्सव मनाया गया. जिसमें छऊ नृत्य की प्रस्तुति की गई. राजनगर भाग 17 से नवनिर्वाचित जिला परिषद सदस्य अमोदिनी महतो ने विभिन्न गांवो में आयोजित छऊ नित्य का उद्घाटन किया. इस मौके पर जिला परिषद सदस्य के प्रतिनिधि प्रकाश महतो ने बताया, कि राजो संक्रांति के मौके पर सदियों से भगवान शिव की पूजा अर्चना करने का प्रावधान है.
इसमें छऊ नृत्य की प्रधानता होती है. उन्होंने बताया, कि मूल वासियों का इसी से पहचान है. उन्होंने क्षेत्र के लोगों को रजो संक्रांति की शुभकामनाएं दी. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा, कि हमें अपनी सभ्यता और संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखनी चाहिए. अपनी संस्कृति को कभी भूलना नहीं चाहिए. यही विरासत हमें अपनी भावी पीढ़ियों के लिए देना है. इस मौके पर शशि भूषण महतो, तपन महतो आदि मौजूद रहे.
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