DUMKA देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. झारखंड अलग राज्य बने 21 साल बीत चुके हैं. मगर जरा सोचिए क्या आज भी कोई ढिबरी युग में जी रहा होगा ! यकीनन नहीं, मगर ये सही है. वो भी सीएम के गृह जिले यानी दुमका ज़िले के मसलिया प्रखंड में सुग्गापहाड़ी पंचायत के अन्तर्गत पहाड़ के ऊपर स्थित पहाड़िया और संताल आदिवासी बाहुल्य आमगाछी गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं.
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इस गांव में पांच से अधिक टोला है, जो दूर- दूर स्थित है. इस गांव में करीब 80 घर है. देश आजादी के 75 वर्ष और झारखण्ड राज्य बने 21 बीत जाने के बाद भी इस गांव में एक बार भी बिजली नहीं जली. यह जरुर है कि शोभा के लिए दस वर्ष पहले गांव में ट्रांसफरमर, पोल और तार लगे लेकिन बिजली कभी चालू ही नहीं किया गया. ग्रामीणों का कहना है कि आठ वर्ष पूर्व गांव में बिजली चालू करने के लिए बिजली मिस्त्री हम सभी ग्रामीणों से 50- 50 रुपए मांगे थे, लेकिन गरीबी के कारण हम ग्रामीण पैसे नहीं दे, सके जिस कारण बिजली को चालू ही नहीं किया गया.
वर्तमान समय में बिजली का हाई टेंशन तार टूट गया है और कुछ पोल गिर गया है. साथ ही ग्रामीणों का यह भी कहना है, कि हर चुनाव के समय नेता गांव आते हैं, और वोट मांगते है, और आश्वासन देते है, कि जीतने के बाद आपके गांव में बिजली चालू कर दिया जायेगा, लेकिन जीतने के बाद कोई भी नेता बिजली चालू करवाने के लिय नहीं आते है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में बिजली नहीं होने के कारण ग्रामीणों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. कुछ ग्रामीण सोलर प्लेट से अपना मोबाइल चार्ज करते है, जिसके पास सोलर प्लेट नहीं है वे अपना मोबाइल पहाड़ के नीचे गांव में पैसे देकर मोबाइल चार्ज करवाते है. कुछ ग्रामीण सोलर प्लेट से बैटरी भी चार्ज करते है और रात्रि में इस चार्ज बैटरी से एलईडी (LED) लाइट जलाते है. इसी लाइट से रात्रि में बच्चे अध्यन करते है, लेकिन एलईडी (LED) लाइट एक चार्ज में मात्र डेढ़ से दो घंटा ही चलता है. गांव में बिजली नहीं होने के कारण रात्रि/ शाम में खाना बनाने आदि में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. रात्रि/शाम को सांप- बिच्छु का भी डर बना रहता है. जिस ग्रामीण के पास सोलर प्लेट और बैटरी नहीं है वे ढिबरी से काम चलाते है.
ग्रामीणों ने आगे कहा वर्तमान सरकार के “आपके अधिकार- आपकी सरकार- सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम सुग्गापहाड़ी पंचायत में दुमका के विधायक बसन्त सोरेन को दिसम्बर 2021 को लिखित आवेदन दिया था, लेकिन 6 महीना बीत जाने के बाद भी गांव में बिजली चालू नहीं किया गया. गांव में अबतक बिजली चालू नहीं होने के कारण ग्रामीण काफी नाराज और आक्रोशित है. ग्रामीणों ने सरकार, प्रशासन और जन प्रतिनिधियों से मांग किया है, कि गांव के सभी टोला दूर- दूर में स्थित होने के कारण सभी टोलों में नया ट्रांसफरमर लगाया जाए और सभी घरों को बिजली से जोड़ा जाए. अगर गांव को जल्द ही बिजली से नहीं जोड़ा जाता है, तो ग्रामीण सड़क पर उतर कर आन्दोलन करने के लिय विवश होगे और जरुरत पड़े तो आगामी विधान सभा चुनाव का भी बहिष्कार करेगे. इस मौके पर राजेश हेम्ब्रोम, प्रधान नोतुनडीह टोला, लाखिश्वर हेम्ब्रोम, बाबूलाल सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.
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