JAMSHEDPUR बिहार का वजूद झारखंड की वजह से है यह कहकर 22 साल पहले झारखंड को बिहार से अलग कराया गया था, मगर 22 साल बाद झारखंड की स्थिति बद से बदतर हो गई है. यहां हर तरफ अराजकता का माहौल है. उक्त बातें जमशेदपुर में
बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार शुक्रवार को कही.
मंत्री श्रवण कुमार स्थानीय सर्किट हाउस में पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात की और राज्य में भविष्य की संभावनाओं पर बातचीत की. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत के क्रम में बिहार और झारखंड के हालात पर चर्चा की. साथ ही जदयू झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष महतो को बिहार से राज्यसभा सांसद बनाए जाने के सवाल पर इसके पीछे सीएम नीतीश कुमार का कुड़मी समुदाय के प्रति आस्था बताया. उन्होंने बताया कि झारखंड में कुड़मी समुदाय अपेक्षित है. किसी भी राजनीतिक दल ने उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया है. बिहार के कुर्मी और झारखंड के कुड़मी दोनों में कोई असमानता नहीं है. यहां के कुड़मी अपने अस्तित्व को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जल्द ही पार्टी झारखंड में नए स्वरूप में होगी. उन्होंने बिहार और झारखंड की तुलना करते हुए कहा 22 साल बाद भी झारखंड बदहाल है. मगर आज बिहार के लोगों ने मिले संसाधनों का उचित प्रयोग कर खुद को विकास के मार्ग पर लाने में सफल रहे हैं. झारखंड में पांच से छः घंटे ही बिजली मिल रही है, जबकि बिहार के गांव- गांव को 24 घंटे बिजली मिल रही है. यहां के लोगों को शुद्ध पेजयल नहीं मिल रहा है, बिहार में गावों में घर- घर जलापूर्ति हो रही है. खनिज संपदा और प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण झारखंड में हर तरफ अराजकता फैली हुई है. राज्य सरकार को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा यहां की जनता आशा भरी निगाहों से उनकी ओर देख रही है, उन्हें उचित सम्मान और अधिकार दिलाने का काम सरकार करें. इससे पूर्व मंत्री श्रवण कुमार का पार्टी के नेताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया.