राज्य में बढ़े होल्डिंग टैक्स को लेकर बीजेपी हमलावर है. लगातार भाजपा निकायों पर धरना- प्रदर्शन कर सरकार से बढ़े टैक्स दरों में वृद्धि के खिलाफ आंदोलित है. सोमवार को आदित्यपुर नगर निगम के खिलाफ भाजपाई गोलबंद नजर आए, हालांकि नामी- गिरामी नेताओं और कार्यकर्ताओं को मिलाकर करीब सौ के आसपास भजपाइयों ने नगर निगम का घेराव कर सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया. हालांकि जनहित के मुद्दे पर भजपाइयों के साथ जनता नदारद रही.
सोमवार को भाजपा आदित्यपुर और आरआईटी मंडल द्वारा संयुक्त रूप से नगर निगम कार्यालय आदित्यपुर का घेराव और प्रदर्शन किया गया. इससे पूर्व एस टाइप चौक से आक्रोश रैली निकालकर भाजपाई नगर निगम कार्यालय पहुंचे और गेट पर प्रदर्शन किया. भजपाइयों के आने की सूचना मिलते ही नगर निगम के मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर दी गयी थी, जिसके बाद भाजपाईयों ने गेट में ताला बंद देखकर तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन बाद में गेट खोल दिया गया गया. जिसके उपरांत सिटी मैनेजर सौरभ वर्मा को ज्ञापन सौंपा गया. चूंकि इस दौरान मेयर, डिप्टी मेयर और अपर नगर आयुक्त नदारद रहे. यह प्रदर्शन आदित्यपुर और आरआईटी मंडल के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था.
सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से भाजपाइयों ने बताया कि झारखंड सरकार द्वारा होल्डिंग टैक्स में 20 से 40 फीसदी वृद्धि की गई है जो आम जनता पर एक बोझ है. इसके अलावा क्षेत्र की जनता पानी की समस्या से जूझ रही है, आम लोगों को कागजी कार्रवाई के पूर्ण रूप से फुलफिल नहीं करने के नाम पर बोरिंग कराने का परमिशन नहीं दिया जा रहा है. परमिशन के लिए टेबल के नीचे से घूस लिया जा रहा है. सड़कें चलने- फिरने लायक नहीं बची है. इन्ही समस्याओं को लेकर का आंदोलन करने का निर्णय लिया गया. इससे पूर्व भाजपा नेता साढ़े 10 बजे एस टाइप दुर्गा पूजा मैदान में एकत्रित हुए और आक्रोश रैली निकाली. बता दें कि पिछले दिनों जब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सभी निकायों का घेराव कर वहां व्याप्त भ्रष्टाचार और समस्याओं को उजागर करते हुए ज्ञापन सौंपा था, तब वे आदित्यपुर में पदयात्रा कर आकाशवाणी चौक से ही वापस हो गए थे और पत्रकारों से कहा था कि आदित्यपुर नगर निगम में हमारे मेयर और डिप्टी मेयर बेहतर काम कर रहे हैं, लेकिन आज भाजपा के दोनों मंडल ने होल्डिंग टैक्स, पानी की समस्या और बोरिंग के परमिशन नहीं मिलने को लेकर आंदोलन करने को ठानी थी. यानी भजपाइयों ने अपने ही मेयर- डिप्टी मेयर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. जिसमें जिलाध्यक्ष विजय महतो, आदित्यपुर मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह, आरआईटी मंडल अध्यक्ष अमितेश अमर, उद्योग प्रकोष्ठ के संयोजक बबलू सिंह, गणेश महाली, रमेश हांसदा, उदय सिंहदेव, राकेश मिश्रा, महिला नेत्री मोंटी सेनगुप्ता, दुर्गा दास, अनीशा सिन्हा के अलावा अशोक सिंह, अजय कुमार सिंह, गुरजीत सिंह, पंकज कुमार, निरंजन मिश्रा आदि शामिल थे.
पुरेन्द्र का मास्टर स्ट्रोक
इधर भाजपा के आक्रोश रैली पर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सह राजद नेता पुरेन्द्र नारायण सिंह ने मास्टर स्ट्रोक खेला है. उन्होंने भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से होल्डिंग टैक्स में की गई वृद्धि को वापस लिए जाने की मांग करते हुए कहा है, कि सरकार में शामिल कई विधायकों ने भी होल्डिंग टैक्स बढ़ोतरी को वापस लिए जाने की मांग मुख्यमंत्री से की है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार होल्डिंग टैक्स मामले पर गंभीर है और शीघ्र ही जनहित में उचित निर्णय लेगी.
पुरेंद्र नारायण सिंह ने होल्डिंग टैक्स को लेकर भाजपा द्वारा आयोजित आक्रोश रैली पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कार्यक्रम बिल्कुल फ्लॉप रहा और जनता इस कार्यक्रम से दूर रही, क्योंकि भाजपा ने कभी भी पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि और महंगाई को लेकर आम जनता को हो रही परेशानियों के लिए कोई आंदोलन या आवाज नहीं उठाई.
उन्होंने जलापूर्ति शुरू होने तक भाजपा द्वारा बोरिंग की प्रक्रिया सरल करने की मांग पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, कि नगर निगम में तो भाजपा के ही मेयर और डिप्टी मेयर बैठे हुए हैं, तब भी जनता को अपने पैसे से बोरिंग करने के लिए परमिशन लेने के लिए महीनों महीनों चक्कर लगाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि यह काम तो नगर निगम स्तर का है, अगर मेयर और डिप्टी मेयर जनता को बोरिंग का परमिशन दिलाने में सक्षम नहीं है तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
निकाय चुनाव से पूर्व की सुगबुगाहट तो नहीं !
बता दें कि अगले साल राज्य में निकाय चुनाव होने हैं. वैसे इस बार दलगत आधार पर निकाय चुनाव नहीं होना है. पिछली बार भाजपा ने निकाय चुनावों में परचम लहराया था. राज्य के लागभग सभी निकायों में पार्टी समर्थित प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी. आदित्यपुर नगर निगम में भी मेयर एवं डिप्टी मेयर पद पर पार्टी समर्थित प्रत्याशियों ने प्रचंड जीत हासिल की थी. मगर जनता ठगी गयी. जनता ने जिस उम्मीद से पार्टी के नेताओं पर आस्था दिखायी उसके उलट मेयर व डिप्टी मेयर जनाकांक्षाओं पर खरे नहीं उतरे. यू कहे तो सभी जन कल्याणकारी योजनाएं अधर में लटके पड़े हैं. पूरे नगर निगम क्षेत्र की स्थिति नारकीय बन चुकी है. योजनाएं कब धरातल पर उतरेंगी, यह बताने वाला कोई नहीं. वार्ड पार्षद से लेकर मेयर व डिप्टी मेयर अपनी डफली अपना राग अलाप रहे हैं. चुनिंदा वार्डों में विकास कार्यों की झड़ियां लगी हुई है. ज्यादातर वार्डो के लोग बजबजाती गंदगी, गड्ढों में तब्दील हो चुके सड़क और नालियों से बहते गंदे पानी से त्रस्त हैं. डोर टू डोर कचरा उठाव अभियान कागजी महंत साबित हो रहा है. भीषण गर्मी में लोग बूंद- बूंद पानी को तरस रहे हैं. मेयर व डिप्टी मेयर जनता के सुख- दु:ख से गायब हो चुके हैं. यही कारण है कि भाजपा को अपने ही मेयर व डिप्टी मेयर के खिलाफ आंदोलन का रुख अख्तियार करना पड़ा है. उधर पुरेंद्र की अगर बात करें तो कोविड-19 के क्राइसिस के दौर में चाहे घर- घर सूखा राशन पहुंचने का मामला हो या नगर निगम के हर तुगलकी फरमान के विरोध में जनता की आवाज बनकर खड़े होने की बात हो, चाहे जागृति मैदान में प्रस्तावित नगर निगम के नए कार्यालय भवन का मुद्दा हो, या बोरिंग के नाम पर अवैध वसूली का. हर मोर्चे पर उन्होंने जनता की आवाज को बुलंद कर नगर निगम के तुगलकी फरमान का पुरजोर विरोध किया है. जनता का उन्हें भरपूर समर्थन भी मिल रहा है. वही प्रचंड गर्मी को देखते हुए पुरेंद्र ने टैंकर द्वारा जलापूर्ति की भी शुरुआत कराई है. जिसकी क्षेत्र में खूब चर्चा हो रही है. वैसे इसका नमूना सोमवार को दिख गया. जहां जनहित के मुद्दे पर भाजपाइयों के आक्रोश रैली में गिने-चुने नामचीन भाजपा नेताओं को छोड़ जन समर्थन नहीं मिला, यानी जनता सब समझ चुकी है. यूं कह सकते हैं, कि शिकारी के जाल में जनता आसानी से फंसने वाली नहीं है. जनता को हिसाब चाहिए पार्ट टाइम नहीं बल्कि फुल टाइम नेता चाहिए.