सरायकेला: मंकी पॉक्स को लेकर सरायकेला- खरसावां जिले में भी अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही लोगों से सजग रहने की अपील की गई है मंकी पॉक्स के लक्षण मिलने वाले मरीजों को अलग वार्ड में भर्ती करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने बताया कि यह एक वायरल डिजीज है. मंकी पॉक्स के शुरुआती लक्षण सामान्य वायरल फीवर की तरह सिर दर्द और बुखार के साथ होता है. बाद में शरीर में बड़े- बड़े फोड़े और फफोले निकल आते हैं. इससे अत्यधिक घबराने की आवश्यकता नहीं है. लक्षण दिखते ही चिकित्सक से सलाह लेकर समय पर संपूर्ण इलाज कराने पर इसका इलाज संभव है.
उन्होंने बताया है कि वायरल डिजीज होने के कारण यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर ही दूसरे व्यक्ति में फैलता है, इसलिए संक्रमित व्यक्ति से पर्याप्त दूरी बनाकर और उसके द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तुओं से दूर रहकर मंकी पॉक्स होने की संभावना से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा है कि मंकी पॉक्स के संभावित खतरे को देखते हुए सभी हेल्थ सेंटर और अस्पतालों को सजग एवं अलर्ट रहने के निर्देश दे दिए गए हैं. बताया कि अभी कोरोना के बाद मंकी पॉक्स वायरस ने जन्म लिया है. हालांकि, जिले में अभी कोई भी मरीज सामने नहीं आया है, लेकिन अस्पतालों को सजगता बरतने के निर्देश दिए गए हैं.
*क्या है मंकी पॉक्स वायरस*
मंकीपाक्स स्मॉल पॉक्स की तरह ही एक वायरल इन्फेक्शन है, जो चूहों और खासकर बंदरों से इंसानों में फैल सकता है. अगर कोई जानवर इस वायरस से संक्रमित है और इंसान उसके संपर्क में आता है तो संभावना है कि उसे भी मंकी पॉक्स हो जए. यह देखने में चेचक का बड़ा रूप लगता है, इसमें लगभग लक्षण भी वही हैं. संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेशन में रखा जाता है, जिससे दूसरे को ये बीमारी न फैले. फेस मास्क का इस्तेमाल और साफ-सफाई का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है.
*मंकी पॉक्स के लक्षण*
पूरे शरीर पर गहरे लाल रंग के दाने, निमोनिया, तेज सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, अत्यधिक थकान, तेज बुखार आना, शरीर में सूजन, एनर्जी में कमी होना, स्किन में लाल चकत्ते, समय के साथ लाल चकत्ते का घाव का रुप ले लेना.