घाटशिला: पूर्वी सिंहभूम जिला गालूडीह थाना क्षेत्र के नरसिंहपुर गांव की दो सबर महिलाओं की मौत नहर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. इसकी जानकारी महिलाओं के परिजन को शनिवार को मिली. इसके बाद ग्रामीणों की रजामंदी से शवों को गांव के समीप जंगल नीरापहाड़ में दफना दिया गया.
इसकी जानकारी पुलिस प्रशासन को छह घंटे बाद मिली तो प्रशासन के हाथ- पांव फूल गए. आनन- फानन में प्रशासन दफनाए शवों को निकालने के लिए कार्यपालक दंडाधिकारी के रूप में जयप्रकाश करमाली को नियुक्त किया गया. इसके बाद पुलिस व प्रशासनिक टीम नरसिंहपुर गांव पहुंची तथा मृतक एक महिला के पति से मामले की जानकारी ली तथा दफनाए गए शवों को निकालने को कहा.
ग्रामीण शवों को नहीं निकालना चाह रहे थे, लेकिन प्रशासनिक दबाव और पंचायत प्रतिनिधियों के समझाने पर ग्रामीण शवों को निकालने को राजी हुए. बाद में शव को खोदकर शाम के चार बजे निकाला गया. इन शवों को प्रशासन की देखरेख में एमजीएम में पोस्टमार्टम कराने के लिए भेजा गया है.
घटना के संबंध में जानकारी देते हुए मृतक सुंदरी सबर (60) के पति विश्वनाथ सबर ने बताया कि वे शुक्रवार की सुबह काम करने बाहर गए थे. शाम को घर आकर देखा तो पाया कि उनकी पत्नी सुंदरी व चेपी सबर (58) दोनों घर पर नहीं है. एक घंटे के बाद भी जब ये लोग नहीं आए तो विश्वनाथ ने इनकी खोजबीन प्रारंभ कर दी. विश्वनाथ ने बताया कि चेपी उनकी पत्नी की बहन है. रात दस बजे तक इनकी खोज की गई, लेकिन कहीं से उनका कोई सुराग नही मिला. इसके बाद विश्वनाथ भी घर में आकर सो गया.
सुबह जब उठे तो नदीनुमा नहर किनारे शौच करने गए तो पाया कि वहां दो शव तैर रहे थे. विश्वनाथ ने ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी. इसके बाद ग्रामीण पहुंचे तथा चार- पांच लोग नहर में घुसे और शवों को पलटी किया गया तो पाया कि ये तो सुंदरी व चेपी है. इसके बाद ग्रामीणों ने इसकी जानकारी मृतकों के भाई को दी. भाई नरसिंहपुर गांव पहुंचे तथा आपसी सहमति से शवों को दफना दिया. इसकी जानकारी मुखिया बबिता सिंह को भी थी बाद में मामले की जानकारी दोपहर दो बजे प्रशासन को हुई तब प्रशासनिक महकमा हरकत में आया तथा दफनाए गए शवों को बाहर निकाला गया.