कुकड़ू: सरायकेला- खरसावां जिला के ईचागढ़ थाना क्षेत्र में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है. करीब सौ की संख्या में हाथियों का झुंड बंगाल की ओर से मानीओडीह केनाल सड़क पार कर कुटाम जंगल की ओर चला गया. जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल है.
बता दें कि महीनों से क्षेत्र के कुटाम, पिलीद आदि जंगलों मे हाथी डेरा जमाए हुए हैं, एक सप्ताह पूर्व एक हथिनी ने बच्चे को भी जन्म दिया है, जिसके बाद से अधिक आक्रामक हो चले हैं. जहां हाथी वन विभाग के लिए एक चुनौती बना हुआ है. वहीं नए झुंड के आ धमकने से वन विभाग को दोहरे मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है.
बुधवार की अहले सुबह करीब 3 बजे 7- 8 हाथियों ने सालुकडीह डुमरा गांव में जमकर उत्पात मचाया. सालुकडीह के कृष्ण दास महतो के घर को पूरी तरह से ढ़ाह दिया तथा मध्य विद्यालय सालुकडीह के खिड़की, दरवाजे व मध्याह्न भोजन पकाने के बर्तन को भी नष्ट कर दिया. साथ ही चावल को भी अपना निवाला बनाया.
वहीं डुमरा मौजा के निशी महतो, राघव महतो और मदन महतो के खेत में लगे लौकी, नेनुआ, भिंडी, करेला, टमाटर और मिर्ची को रौंद दिया. खबर मिलते ही बुधवार को वनरक्षी कैलाश महतो और मुखिया पंचानन पातर गांव पहुंचे व क्षतिग्रस्त मकान, और नष्ट सब्जी के खेतों का जायजा लिया. वहीं मुखिया ने कहा कि सात की संख्या में हाथियों का झुंड क्षेत्र में लगातार उत्पात मचाते हुए घरों को तोड़ रहे हैं.
जिससे क्षेत्र के लोग दहशत के साए में जीने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि वनरक्षी द्वारा मुआवजा देने, हाथियों को भगाने व पटाखा आदि वितरण करने का आश्वासन दिया गया है. मुखिया ने वन विभाग से समुचित मुआवजा देने ओर हाथी को यहां से भगाने की मांग की है.