चाईबासा: राजस्थान की डॉक्टर अर्चना शर्मा की आत्महत्या के बाद आत्महत्या के लिए विवश करने के विरोध में चाईबासा के डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा को शनिवार के दिन बंद रखा. जिसमें निजी व सरकारी अस्पताल के सभी डॉक्टर शामिल रहे.
वहीं इस विरोध में इमरजेंसी सेवा को बहाल रखा गया. इमरजेंसी सेवा को छोड़कर अस्पताल के सारे काम ठप्प रहे, जिसके बाद डॉक्टरों ने चाईबासा सदर अस्पताल में प्रेस वार्ता आयोजित कर अपनी बात रखी. वहीं डॉक्टरों ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया, कि डॉक्टर हर संभव प्रयास करता है, कि उसके मरीज का इलाज सही तरीके से हो. कोई भी डॉक्टर जानबूझकर किसी मरीज की जान नहीं लेता है. डॉक्टर अपने पूरे कार्यकाल में लगभग 4 से 5 लाख लोगों का इलाज करता है, जिसमें सभी को बचाना संभव नहीं है. इस तरह की घटना से पूरे चिकित्सक समाज आज मर्माहत है, और उन्हें गहरा दु:ख भी है. डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए अस्पताल परिसर में शांति मार्च निकालकर अपना विरोध जताया तथा सरकार के नाम मांग पत्र सौंपा.