सरायकेला प्रखंड अंतर्गत भुरकुली में चैत्र पर्व के अवसर पर कई धार्मिक अनुष्ठानों के साथ आयोजित होनेवाला चड़क पूजा आगामी 10 अप्रैल से 14 अप्रैल तक होगा. बताया जाता है कि वर्ष 1908 में यहां पर शिवलिंग का अविर्भाव हुआ था, इसके बाद से प्रति वर्ष भगवान विश्वनाथ महादेव की भक्ति भावना के साथ पूजा-अर्चना की जाती है.
10 अप्रैल को शुभघट स्थापित कर पूजा आरंभ होगी. 12 अप्रैल को अखाड़ा भाड़ा, 13 अप्रैल को भोक्ता उपवास रह कर शुभ यात्र घट, गरिया भार, कालिका घट कार्यक्रम संपादित करेंगे. इसी दिन छऊ नृत्य का भी आयोजन होगा. अंतिम दिन 14 अप्रैल को संक्रांति के सूर्योदय के साथ देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए भक्त जान को जोखिम में डाल कर कई आकर्षक करतब दिखाते हैं, जिसे हर कोई देख आश्चर्यचकित रह जाते हैं.
इस दैरान भक्त गांजा डांग, चड़क उड़ा पर्व, रजनी फुड़ा, जिव्हा बाण, अगि पाट जैसे कई हैरतअंगेज करतब दिखाते हैं. देवता को प्रसन्न करने के लिए भक्त अपनी पीठ में लोहे का हुक फंसा कर बैलगाड़ी या ट्रैक्टर खींचते हैं. इसके अलावा भक्त को हुक के सहारे 40 फिट ऊपर लटका दिया जाता है. इन्हीं आकर्षक करतबों को देखने के लिए दूर दराज से सैकड़ों की भीड़ उमड़ती है, जो मेले का रूप ले लेती है. कार्यक्रम व पूजा को सफल बनाने के लिए क्षेत्र व समिति के लोग जुटे हैं.