सरायकेला- खरसावां जिला के चर्चित 111 सेवलाइफ अस्पताल के प्रबंधक डॉ ओपी आनंद एवं मंत्री बन्ना गुप्ता प्रकरण के बाद सलाखों के पीछे भेजे गए डॉक्टर आनंद की सरायकेला जेल में तबियत बिगड़ने पर शुक्रवार को एमजीएम अस्पताल लाया गया. वैसे रेफ़रल लेटर नहीं होने के कारण एमजीएम अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टर आनंद का इलाज करने से इंकार कर दिया.
जिसके बाद डॉक्टर आनंद को पुनः सरायकेला जेल वापस ले जाया गया. वही इस संबंध में डॉ आनंद के वकील अशोक कुमार दास ने बताया, कि यह एक प्रशासनिक भूल है, और सोची समझी साजिश के तहत डॉ आनंद को परेशान किया जा रहा है. उन्होंने बताया, कि डॉ आनंद को सीने में दर्द और गैस से संबंधित परेशानी थी जिसके बाद उन्हें यहां लाया गया था. ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है, कि आखिर बगैर पर्याप्त दस्तावेज के डॉक्टर आनंद को एमजीएम अस्पताल लाने की अनुमति कैसे मिली. उधर डॉ आनंद के समर्थकों ने इसे साजिश करार देते हुए डॉ आनंद को परेशान किए जाने का आरोप लगाया. समर्थकों ने इस मामले में मीडिया के समक्ष इंसाफ की गुहार लगाई. गौरतलब है, कि स्वास्थ्य मंत्री को अपशब्द कहने एवं अस्पताल में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में लापरवाही एवं सरकार द्वारा तय राशि से अधिक वसूले जाने के आरोप में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.