एमजीएम अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार 22 वर्षीय अग्रवाल समाज की युवती का का इलाज इसलिए रोक दिया गया था, क्योंकि वह गरीबी के कारण अपने पेट का सिटी स्कैन नहीं करवा पा रही थी. सीईसीटी टेस्ट कराने के लिए प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर 71 सौ रुपए मांग रहे थे, जबकि बीमार युवती के पास पैसे नहीं थे. उसके परिवार के लोग भी उसे घर से निकाल चुके हैं. उसका पति रांची जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. इधर अस्पताल के सर्जिकल विभाग के डॉक्टरों का कहना था, कि सीईसीटी टेस्ट नहीं कराने पर उसके पेट का ऑपरेशन नहीं किया जा सकेगा. इसकी जानकारी मिलते ही अग्रवाल समाज के लोग सक्रिय हुए और गुरुवार को अस्पताल पहुंचे. जहां उन्होंने युवती के इलाज के लिए पैसे जमा कराए. मारवाड़ी समाज के सदस्यों ने युवती को हर संभव सहयोग करने का भरोसा दिलाया. वैसे कोल्हान के सबसे बड़े सरायकेला अस्पताल में सिटी स्कैन मशीन होने के बाद भी गरीबों से इलाज के लिए पैसों की मांग किए जाने के सवाल पर समाज के लोगों ने इसे प्रशासन और सरकार की बात बताते हुए कोई भी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया. समाज के सदस्यों ने युवती के इलाज में आने वाले सभी खर्च वाहन करने की बात कही.
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