सरायकेला (Pramod Singh) यूं तो खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा गरीबों को बांटे जाने वाले खाद्यान्न में गड़बड़ और घोटाले की शिकायतें अक्सर मिलते रहते हैं, लेकिन यह बड़े ही आश्चर्य की बात है, कि मृत व्यक्ति के नाम पर भी कहीं बरसों से खाद्यान्न का उठाव हो रहा है तो कहीं ट्रैक्टर, स्कॉर्पियो और कारों के मालिक जो बहुमंजिला इमारतों में रहते हैं, वह भी गरीब बनकर सरकारी खाद्यान्न के भरपूर मजे ले रहे हैं.
इन्हें ना तो कोई रोकने वाला है और ना ही इन्हें किसी भी प्रकार की कार्रवाई का डर ही है. ताजा मामला सरायकेला प्रखंड के जीवनपुर ग्राम का है. जीवनपुर निवासी मोहम्मद अरमान ने जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी को पत्र लिखकर इस गड़बड़ घोटाले की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया है. प्रेषित पत्रों में बताया गया है कि जीवनपुर निवासी कार्ड धारी रोशन आरा के परिवार में कुल 8 सदस्य हैं, जिनमें से परिवार के एक सदस्य अब्दुल कादिर के पास 2- 2 ट्रैक्टर और स्कॉर्पियो है, साथ ही साथ वे दो मंजिला पक्के मकान में रहते हैं और निजी कंपनी में ठेकेदारी का कार्य करते हैं.
ठीक इसी प्रकार जीवन पुर ग्राम के ही एक कार्डधारी अशरफ अली की काफी दिनों पहले मृत्यु हो चुकी है, फिर भी उनके परिवार द्वारा स्वर्गीय अशरफ अली के नाम पर राशन का उठाव हो रहा है. जबकि परिवार के सदस्यों के पास दो मंजिले मकान से लेकर निजी कंपनी में ठेकेदारी का भी कार्य है. उक्त परिवार की मासिक कमाई दो से तीन लाख बताई जाती है. एक अन्य कार्डधारी यास्मिन निगर के पास भी दो मंजिल मकान से लेकर चार चक्का वाहन तक है, लेकिन उनके द्वारा भी बरसों से गरीबों को दिए जाने वाले खाद्यान्न का निरंतर उठाव हो रहा है.
अन्य कार्ड धारी असगर अली के परिवार में भी कार, दुकान से लेकर ठेकेदारी के जरिए मोटी आय हर महीने होती है. इसके बावजूद सभी कार्ड धारियों द्वारा लंबे अरसे से खाद्यान्न का उठाव किया जा रहा है. अब सवाल यह उठता है कि क्या मुर्दे भी सरकारी खाद्यान्न का लाभ ले रहे हैं ? क्या बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले और बड़ी-बड़ी गाड़ियों के स्वामी गरीबी रेखा से नीचे गुजर- बसर करने वालों की सूची में शामिल हैं ? अगर यह सब कुछ नियम कायदे और प्रावधान के विपरीत है, तो ऐसे लोग कैसे बरसों से गलत और मनमाने ढंग से सरकारी खाद्यान्न की लूट में संलग्न है ? क्या विभागीय अधिकारी भी इसके लिए उतने ही दोषी नहीं है ?
बहरहाल गांव के ही एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा इस संबंध में खाद्य आपूर्ति विभाग को शिकायत किए जाने के बाद पूरे क्षेत्र में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है और स्थानीय लोगों का दावा है कि इस गड़बड़ घोटाले में केवल यही 4 कार्ड धारी ही शामिल नहीं है, बल्कि ऐसे लोगों की संख्या पूरे प्रखंड और सरायकेला जिले में सैकड़ों और हजारों में है. अगर पूरे मामले की गहन जांच की जाए तो इस गड़बड़ घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है. इंतजार इस बात का है कि आखिर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ऐसे लोगों पर क्या और किस प्रकार की कानूनी कार्रवाई करता है ?
Reporter for Industrial Area Adityapur