राजनगर/ Pitambar Soy झारखण्डी भाषा ख़ातियानी संघर्ष समिति के क्रांतिकारी टीम के सदस्य नकुल महतो का मंगलवार की रात लगभग 12:30 बजे रांची स्तिथ रिम्स अस्पताल में ईलाज के दौरान निधन हो गया. वहीं इसकी जानकारी मिलते ही टाईगर जयराम महतो की टीम सैकड़ो की संख्या में नकुल महतो के आवास राजनगर के चंगुआ पहुँचे और उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए.
राजनगर क्रांतिकारी टीम के सक्रिय सदस्य नकुल महतो के निधन पर जयराम महतो ने भी संवेदना प्रकट की है और जेबीकेएसएस हमेशा मजबूती से परिवार के साथ खड़े रहने की बात कही है. इस दौरान पूरे कोल्हान से झारखण्डी भाषा ख़ातियानी संघर्ष समिति के सदस्य उनके अंतिम यात्रा में शामिल होकर अपनी एकता का परिचय दिया है.
मालूम हो कि नकुल महतो को 3 जुलाई को सर में तेज दर्द हुई. जिसके उसने दवा खाया पर दर्द कम नहीं होने लगा. जिससे वह बेहोश हो गया। बेहोशी के हालात में उसे पहले राजनगर सीएसची लाया गया. यहां से एमजीएम रेफर किया गया. जैसे ही झारखण्डी भाषा खतियान संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं को जानकारी मिली. उन्होंने तुरंत टीएमएच में नकुल को भर्ती कराया. जहां दो दिन बाद भी होश नहीं आया. टीएमएच में प्रतिदिन 40 हजार का बिल बना. जिसका खर्चा गूगल पे और फोन पे के माध्यम से जेबीकेएसएस के कार्यकर्ताओं ने चंदा करके जुटाया. परंतु सीसीयू में दो दिन रहने के बाद भी जब उसे होश नहीं आया तो कार्यकर्ताओं ने उसे रिम्स में भर्ती कराया. लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी. नकुल के परिवार में उसकी पत्नी और तीन साल के पुत्र के अलावा और कोई नहीं है. नकुल के माता- पिता का पहले ही देहांत हो चुका है.
जब से जयराम महतो का 1932 खतियान आंदोलन चला उसमें नकुल ने हमेशा बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया. धनबाद अधिवेशन में भी नकुल महतो शामिल हुए थे. नकुल के निधन से पत्नी और बच्चा दोनों को बेसहारा हो गए हैं. इधर जेबीकेएसएस के कार्यकर्त्ता नकुल इलाज से लेकर अंतिम संस्कार तक उनके परिवार के साथ खड़े रहे और जयराम महतो. जेबीकेएसएस ने नकुल महतो के परिजनों को ढांढस बांधाया और दुख की घड़ी में उनके साथ खड़े रहने की बात कही है.
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