जमशेदपुर/ सरायकेला: चांडिल एसडीओ रंजीत लोहरा द्वारा सरकारी पत्र जारी कर स्वतंत्रता सेनानी शहीद रघुनाथ महतो को ” फर्जी रघुनाथ महतो” कहने से कुड़मी समाज में आक्रोश व्याप्त है. झारखंड के साथ साथ पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा के कुडमियों द्वारा एसडीओ रंजीत लोहरा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही हैं. वहीं, बुधवार की शाम जमशेदपुर के साकची गोलचक्कर पर कुड़मी समाज के युवाओं द्वारा एसडीओ रंजीत लोहरा का पुतला फूंका गया.
युवा नेता प्रणब महतो के नेतृत्व में साकची गोलचक्कर में एसडीओ चांडिल रंजीत लोहरा का पुतला दहन किया गया. इस दौरान एसडीओ रंजीत लोहरा हाय- हाय, रंजीत लोहरा मुर्दाबाद, रंजीत लोहरा पर हेमंत सरकार कार्रवाई करो, शहीद रघुनाथ महतो अमर रहे इत्यादि नारेबाजी की गई. इस दौरान प्रणब महतो ने कहा चांडिल एसडीओ रंजीत लोहरा ने देश के स्वतंत्रता सेनानी रघुनाथ महतो जी को लेकर अपने पत्र में “फर्जी” शब्द का उल्लेख कर वीर शहीद का अपमान किया है. शहीद रघुनाथ महतो का अपमान कुड़मी समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि हम राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेनसे मांग करते हैं कि अविलंब एसडीओ रंजीत लोहरा को निलंबित किया जाए.
कुड़मी सेना के अध्यक्ष विशाल महतो ने कहा कि कुड़मी समाज ऐसे ओछी मानसिकता रखने वाले पदाधिकारी को झारखण्ड के किसी कोने में बर्दाश्त नहीं करेगी. राज्य सरकार अविलंब एसडीओ रंजीत लोहरा को सस्पेंड करें और न्यायिक प्रक्रिया के तहत कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें, अन्यथा कुड़मी समाज सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करने के लिए तैयार है. पुतला दहन में सपन महतो, लखन महतो, संजय महतो, दिवाकर महतो, विशाल महतो, देबदीप महतो, सपन महतो, विष्णु देव महतो, विकास महतो, जयप्रकाश महतो, देव महतो, आकाश महतो, विजय महतो, पीडी महतो, हितेश महतो, बाजीनाथ महतो आदि उपस्थित थे.
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इधर आदिवासी कुड़मी समाज के केंद्रीय प्रवक्ता हरमोहन महतो और कुड़मी सेना झारखण्ड के प्रदेश अध्यक्ष विशाल चंद्र महतो के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल चांडिल अनुमंडल कार्यलय में अनुमंडल पाधिकारी रंजीत लोहरा से वार्ता करने पहुंचे. जहां आदिवासी कुड़मी समाज के केन्द्रीय प्रवक्ता हरमोहन महतो द्वारा फ़ोन पर अनुमंडल पदाधिकारी से बातचीत हुई. उन्होंने कहा कि वे कार्यालय के कार्य से रांची में है. एसडीओ ने कल 23 मार्च अपने कार्यालय में सुबह 11 बजे कुड़मी प्रतिनिधियों से वार्ता करने पर सहमति दी. इस दौरान हरमोहन महतो ने लोगों से अपील की है कि कल, गुरुवार को सभी समाज के लोग चांडिल अनुमंडल कार्यालय पहुंचे.
इस दौरान कुड़मी समाज के लोगों ने चांडिल अनुमंडल कार्यालय के समक्ष अनुमंडल पदाधिकारी रंजीत लोहरा के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं, राज्य सरकार से एसडीओ रंजीत लोहरा के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की.
दअरसल, कल 21 मार्च को अनुमंडल पदाधिकारी रंजीत लोहरा ने कार्यालय आदेश जारी कर नीमडीह के घुटियाडीह में मनाए गए स्वतंत्रता सेनानी शहीद रघुनाथ महतो को “फर्जी” करार दिया है, इस तरह से एसडीओ रंजीत लोहरा ने न केवल देश के एक महान स्वतंत्रता सेनानी का अपमान किया, बल्कि रघुनाथ महतो को मानने तथा पूजने वाले लोगों को आहत किया है. एसडीओ रंजीत लोहरा ने कार्यालय आदेश पर स्पष्ट रूप से “फर्जी रघुनाथ महतो” लिखा है.
वहीं, नीमडीह के घुटियाडीह में आयोजित रघुनाथ महतो जयंती के कार्यक्रम में आवश्यक कार्रवाई हेतु प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा नीमडीह थाना प्रभारी को आदेश जारी किया है. उक्त पत्र के सार्वजनिक होने के बाद लोग एसडीओ रंजीत लोहरा के खिलाफ सोशल मीडिया पर बयानबाजी कर रहे हैं और विरोध जता रहे हैं. विशेष रूप से कुड़मी समाज के लोगों में आक्रोश व्याप्त है.
बुधवार को एसडीओ रंजीत लोहरा से मुलाकात करने पहुंचे कुड़मी समाज के लोगों ने अनुमंडल कार्यालय के समक्ष एसडीओ रंजीत लोहरा के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान बिशाल महतो ने कहा कि देश के सर्वप्रथम स्वतंत्रता सेनानी एवं चुआड़ विद्रोह के महानायक शहीद रघुनाथ महतो को चांडिल एसडीओ द्वारा निर्गत पत्र में शहीद रघुनाथ महतो को फर्ज़ी लिखा गया है. एक सरकारी पदाधिकारी द्वारा देश के पहले स्वतंत्रता सेनानी को अपमानित किया गया है जो कुड़मी सेना बर्दाश्त नही करेगी. जल्द से जल्द लिखित रूप में माफी मांगे अन्यथा एसडीओ के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा.
कुड़मी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेन्द्र महतो ने कहा कि ऐसे सरकारी पदाधिकारी को सरकार तत्काल बर्खास्त करें. जब उनकी जयंती पर लाखों लोगों ने एवं झारखण्ड, बंगाल और देश भर के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने श्रद्धांजलि दी तो एसडीओ द्वारा इस तरह का कार्यालय आदेश निकालना शहीदों के प्रति असम्मान का भाव दिखाता है.
बताया जा रहा है कि कुड़मी समाज द्वारा एसडीओ रंजीत लोहरा के विरुद्ध देशद्रोह का मुकदमा दायर किया जाएगा. साथ ही राज्य सरकार से उन्हें नौकरी से बर्खास्त करने की मांग की जाएगी.
मौके पर संजय महतो, देवाशीष महतो, देवदीप महतो, विकाश महतो, बिष्णु देव महतो, जय प्रकाश महतो, शजय महतो, प्रशांत महतो, रक्षित महतो, पीडी महतो, बिजय महतो, प्रवीण महतो, केडी महतो एवं भारी संख्या से समाज के लोग उपस्थित थे.
जानें क्या है पूरा मामला
कल 21 मार्च को एसडीओ रंजीत लोहरा के आदेश उस पत्र “फर्जी रघुनाथ महतो” का हवाला देते हुए नीमडीह पुलिस घुटियाडीह गांव पहुंची थी. पुलिस द्वारा मौखिक रूप से आयोजकों को रघुनाथ महतो के प्रतिमा पर श्रद्धांजलि देने तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम को रद्द करने की चेतावनी दी थी. बताया जा रहा है कि नीमडीह पुलिस द्वारा रघुनाथ महतो के प्रतिमा पर माल्यार्पण करने तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने पर आयोजकों तथा अतिथि आजसू नेता हरेलाल महतो के ऊपर एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी दी थी. हालांकि, पुलिस की चेतावनी का असर आयोजकों तथा आजसू नेता हरेलाल महतो पर नहीं पड़ा. सभी ने बड़े ही धूमधाम से रघुनाथ महतो के आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया. वहीं, घुटियाडीह में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भव्य आयोजन हुआ, जहां उपस्थित पद्मशी छुटनी महतो, पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस, आजसू नेता हरेलाल महतो आदि जनसभा को संबोधित किया.
दअरसल, 21 मार्च को एसडीओ रंजीत लोहरा ने नीमडीह के प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा नीमडीह थाना प्रभारी को लिखित आदेश जारी कर कहा था कि नीमडीह के घुटियाडीह गांव में “फर्जी रघुनाथ महतो” जयंती मनाने की तैयारी है. इसको लेकर सुभाष सिंह एवं अन्य ग्रामीणों द्वारा अनुमंडल कार्यालय में आवेदन किया गया है. वहीं, एसडीओ रंजीत लोहरा ने प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा थाना प्रभारी को आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश जारी किया था. एसडीओ रंजीत लोहरा के आदेशानुसार नीमडीह पुलिस घुटियाडीह गांव पहुंची थी और आयोजकों से कार्यक्रम बंद कराने का प्रयास किया था. बताया जाता है कि पुलिस ने आयोजकों के ऊपर एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी दी थी, हालांकि, चेतावनी के बावजूद रघुनाथ महतो को श्रद्धांजलि दी गई थी और भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ था. परंतु, इधर एसडीओ रंजीत लोहरा के “फर्जी रघुनाथ महतो” वाले पत्र के सार्वजनिक होते ही चारो ओर विरोध के स्वर सुनाई देने लगी हैं और एसडीओ रंजीत लोहरा के विरुद्ध कार्रवाई की मांग हो रही हैं.
एसडीओ ने मांगी माफी
हालांकि विरोध के स्वर उठते ही एसडीओ रंजीत लोहरा ने वीडियो जारी कर सार्वजनिक तौर पर माफी मांग ली है. जिसमें उन्होंने “फर्जी” शब्द का प्रयोग ग्रामीणों द्वारा किए जाने का हवाला दिया है. अब सवाल यह उठता है कि आखिर ग्रामीणों की गलती को सरकारी पत्र पर इंगित करना वह भी शहीद के नाम के आगे कहां तक जायज है, यह समझ से परे है. जो यह दर्शाता है कि राज्य में सरकारी अधिकारी कितने बेलगाम हो चुके हैं. जिन्हें ग्रामीणों की भाषा और सरकार की भाषा में फर्क समझ में नहीं आता.
Reporter for Industrial Area Adityapur