DESK REPORT विश्व बैंक के सहयोग से संचालित केंद्र और राज्य सरकार की अति महत्वाकांक्षी परियोजना तेजस्विनी परियोजना का राज्य का पहला मेगा इवेंट गुरुवार को कला नगरी सरायकेला के भगवान बिरसा मुंडा स्टेडियम में आयोजित किया गया.
महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि विभागीय मंत्री जोबा मांझी थीं. मूल रूप से महिला सशक्तिकरण पर आधारित इस मेगा इवेंट को लेकर बड़े- बड़े दावे एवं घोषणाएं की गई. मंच से अतिथियों ने महिलाओं को आगे बढ़ाने एवं उन्हें सशक्त बनाने के खूब कसीदे गढ़े. विभागीय सचिव ने बाल विवाह एवं डायन कुप्रथा पर ध्यान आकर्षित करते हुए इसे समाप्त करने पर बल दिया, मगर विभागीय सचिव जो पूर्व में जिले के उपायुक्त भी रह चुके हैं वे यह भूल गए कि डायन कुप्रथा को लेकर भारत सरकार ने छुटनी महतो को पद्मश्री सम्मान से नवाजा है, जो इसी जिला की रहने वाली है. महिलाओं पर केंद्रित उक्त कार्यक्रम में छुटनी को न्योता तक नहीं दिया गया, जिससे साफ प्रतीत होता है, कि पद्मश्री सम्मान से नवाजी गई छुटनी महतो को सरकारी तंत्र कितना तरजीह दे रहा है. अमूमन हर बड़े कार्यक्रमों में छुटनी की गैरमौजूदगी यह बताने के लिए पर्याप्त है कि छुटनी को पद्मश्री केंद्र सरकार की ओर से दी गई है, न कि राज्य सरकार की ओर से. वैसे उक्त कार्यक्रम में परियोजना डायरेक्टर छवि रंजन भी मौजूद थे, वे भी पूर्व में जिले के उपायुक्त रह चुके हैं और उन्होंने ही छुटनी महतो को पद्मश्री सम्मान दिए जाने की अनुशंसा पर अपने कार्यकाल में अंतिम मुहर लगाई थी. मजे की बात तो ये है कि इस संबंध में पद्मश्री छुटनी महतो से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है और न ही जिला प्रशासन द्वारा किसी बड़े कार्यक्रमों में उन्हें न्यौता दिया जाता है. पद्मश्री सम्मान मिला जरूर है, मगर वह अब शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है एक थानेदार भी थाना पहुंचने पर सम्मान नहीं देते. उनसे मिलने के लिए घंटों प्रतीक्षा करनी होती है. फिर किस मुंह से सरकार और सरकारी अधिकारी महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं. इस पर मंथन की आवश्यकता है.
वैसे कलानगरी सरायकेला पद्मश्री सम्मान पाने वालों में सबसे पहले पायदान पर काबिज है. जहां जिले के कुल आठ विभूतियों को पद्मश्री सम्मान से नवाजा जा चुका है. इनमें दो ही जीवित बचे हैं.
इन्हें मिल चुका है पद्मश्री सम्मान
सुरेंद्र नारायण सिंहदेव, केदार साव साहू, श्यामाचरण पति, मकरध्वज दरोगा, मंगलाचरण महंती,
पंडित गोपाल दुबे (सभी मृत) शाशधर आचार्य एवं छुटनी महतो
Reporter for Industrial Area Adityapur