खरसावां: आधुनिक युग में आदिवासी के ज्ञान- परंपरा को सहेजले की जरूरत है. क्योकि समाज की परंपरा व एकता धीरे धीरे विखंडित हो रही है. ऐसे में समाज के परंपरागत ज्ञान, संस्कृति को सशक्त बनाया जायेगा. समाज में परंपरागत ज्ञान भरी पडी है. लेकिन उस ज्ञान का सही उपयोग नही हो रहा है. इसके लिए हो समाज के शिक्षा व संस्कृति के विखराव को रोकना होगा.
उक्त बाते खरसावां विधायक दशरथ गागराई ने कहा कि खरसावां के बोडडा मैदान में टाटा स्टील फाउडेशन के द्वारा द्वारा आयोजित खरसावां में बाः (सरहुल) जुमुर सह जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बोल रहे थे. उन्होने कहा कि समाज के विकास में युवा एक अहम रोल अदा कर सकते है. इसलिए युवा समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझे. आदिवासी समाज के पूजा-परंपरा, रीति, विधि को पुन स्थापित किये जायेगे. इस दौरान ज्ञान से ही समाज के अंदर व्याप्त कुरीतियां दूर होगा. इस दौरान समाज के लोगों ने सामाजिक कुरीतियों को दूर करने पर मंथन किया. इसके पूर्व परंपरागत ढ़ग से कार्यक्रम की शुभआरंभ किया गया. इस दौरान कई वक्ताओं ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पारंपरिक भाषा-संस्कृति की रक्षा करने पर बल दिया गया. वही मांदर की थाप पर समाज के लोगों ने पारंपरिक नृत्य किया. इस दौरान मुख्य रूप से खरसावां विधायक दशरथ गागराई, पूर्व विधायक बहादुर उरावं, जिप लक्ष्मी सरदार, प्रमुख मनेन्द्र जामुदा, मुखिया मंगल सिंह जामुदा, पंसस गोविन्द हाईबुरू, आदिवासी हो समाज महासभा के केन्द्रीय अध्यक्ष कृष्णचन्द्र बोदरा, उपाध्यक्ष नरेश देवगम, जिलाध्यक्ष सावित्री कुदादा, उपाध्यक्ष मनोज कुमार सोय, लाल सिंह सोय, सरस्वती सोय, शिव शंकर काडियाग, नागेन सोय, महेश्वर उराव, दखिन हेम्ब्रम, सुरेश हेम्ब्रम, विनित बोदरा, विजय दिग्गी, रामलाल हेम्ब्रम सहित कोल्हान क्षेत्र से समाज के लोग उपस्थित थे.
Reporter for Industrial Area Adityapur