खरसावां विधायक दशरथ गागराई ने झारखंड विधान सभा का ध्यानाकर्षण कराते हुए खरसावां के आमदा मे निर्माणाधीन 500 बेडे के हॉस्पिटल के शिलान्यास के करीब 12 साल के बाद भी हॉस्पिटल का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने का मामला उठाया.
विदित हो कि हॉस्पिटल के निर्माण के लिए तत्कालीन सरकार द्वारा 152 करोड रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी. निर्माण कार्य लगभग 60 प्रतिशत ही पूरा हुआ है और वर्तमान में निर्माण कार्य बंद है. योजना का शिलान्यास वर्ष 2011 में किया गया था. इन 12 वर्षों में हॉस्पिटल बिल्डिंग का शेप स्ट्रक्चर ही खड़ा हो सका है. बिल्डिंग का फिनिशिंग कार्य अभी बाकी है. हॉस्पिटल के शुरू होने से कोल्हान प्रमंडल की बड़ी आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो पाएगा. इस हॉस्पिटल के निर्माण कार्य को पूर्ण कराते हुए इसे चालू कराने हेतु सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया. इसपर सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि खरसावां में 500 बेडेड अस्पताल जो भविष्य में मेडिकल कॉलेज में उत्क्रमित किया जा सके. इस भवन निर्माण योजना हेतु 1,53,96,14000 (एक अरब तिरपन करोड़ छियानबे लाख चौदह हजार) रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है. इस कार्य हेतु तत्कालीन विभागीय अभियंत्रण कोषाग द्वारा कुल 1,42,87,87, 688 रुपए की राशि पर मैसेज एनवीसीसी लिमिटेड नई दिल्ली के साथ एकरारनामा किया गया था. एकरारनामा के अनुसार निर्माण कार्य 26 फरवरी 2014 को पूर्ण किया जाना था. 500 बेडेड अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में उत्क्रमित करने हेतु जिन महत्वपूर्ण कार्यो पदों की आवश्यकता होगी. उसमें संबंधित एक स्थल प्राक्कलन परामर्शी में मेसर्स आर्क एंड डिजाइन नई दिल्ली द्वारा तैयार किया गया. इस आधार पर झारखंड सरकार भवन निर्माण विभाग लिमिटेड ने विभाग से विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक समिति गठित किया गया था, ताकि समिति प्रस्तावित टीचिंग अस्पताल हेतु आवश्यक उपकरणों की सूची तैयार की जा सकती है.
इस संबंध में प्राचार्य एमजीएम मेडिकल कॉलेज जमशेदपुर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा समर्पित प्रतिवेदन की प्रति संग्लन करते हुए टीचींग असपताल हेतु नया डीपीआर तैयार करने का अनुरोध किया गया. भवन निर्माण विभाग ने 28 मार्च 2022 द्वारा डीडीएफ कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली को उक्त अस्पताल के अवशेष कार्याे के डीपीआर तैयार करने का कार्यदेश दिया गया. परामर्शी द्वारा खरसावां के 500 बेडेड अस्पताल के वर्तमान में किए गए प्रवाधान तथा एनएमसी के अनुसार आवश्यक फैसिलिटीज का एक गैप एनालिसिस किए जाने की बात कही है.
उक्त के अनुसार निर्माण अधीन 500 बेड का अस्पताल एनएमसी मानकों पर टेक्निकल हॉस्पिटल में बदलने हेतु 198.94 करोड़ की लागत कार्य कराने होंगे. कार्यपालक निदेशक टीचिंग अस्पताल के निर्माण कार्य के अंतर्गत अवशेष कार्यों का अद्यतन अनुसूचित दर पर प्रशासनिक राशि मूल प्रशासनिक स्वीकृति की राशि अनुज्ञेय सीमा से बहुत अधिक होने की संभावना बताई गई है. कार्यपालक निदेशक द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि इस कारण एनबीसीसी के साथ किए गए इकरारनामा के अंतर्गत अवशेष कार्यों का कराया जाना संभव नहीं है. उक्त तथ्यों के आलोक में 500 पैकेट अस्पताल का निर्माण कार्य हेतु मैसेज एनबीसीसी लिमिटेड नई दिल्ली के साथ किए गए एकरारनामा को बंद करते हुए किए गए कार्यों का अंतिम माफी का निर्णय झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड रांची द्वारा किया गया.
झारखंड सरकार एवं एनबीसीसी लिमिटेड नई दिल्ली के बीच संपन्न की एमयू की कंडिका तीन के अनुसार यदि संवेदक एकरारनामा इस अवधि के अंदर कार्य पूर्ण नहीं करते हैं या फिर किसी प्रकार का प्राक्कलन एवं समय सामग्री में विवरण होता है. तो दितीय बचकर संवेदक को प्रतिदिन की दर से अत्यधिक 10 प्रतिशत प्राक्कलन राशि का दंड के रूप में वसूली की जाएगी. सरकार ने जबाब दिया कि इस वित्तीय वर्ष मे री टेंडर कर अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा और जनता को समर्पित किया जाएगा.
Reporter for Industrial Area Adityapur