खरसावां के फोरेस्ट कॉलोनी स्थित श्रीश्री मनोकामना नाथ महादेव मंदिर में सोमवार को वार्षिक उत्सव मनाया गया. साथ ही कार्तिक पूर्णिमा की विधिवत पूजा अर्चना की गई. बता दें कि श्रीश्री मनोकामना नाथ महादेव मंदिर में वर्ष 1977 से पूजा अर्चना होती आ रही है.
महादेव मंदिर का 45 वॉ वाषिक उत्सव मनाया जा रहा है. मंदिर में सुबह से पूजा- अर्चना शुरू हो गई. पूजा- अर्चना के लिए महिलाओं की भीड़ भी उमड पडी. महिला श्रद्वालुओं ने पूजा- अर्चना कर सुख- शांती की कामना की.
मंदिर के पुजारी रंजीत मिश्रा व दिलीप मिश्रा ने पारम्परिक विधि- विधान के तहत पूजा- अर्चना संपन्न कराया. वही मंदिर परिसर में वार्षिक उत्सव पर भंडारे का आयोजन किया गया. इस दौरान खरसावां के विभिन्न क्षेत्र से मंदिर पहुचे लगभग एक हजार श्रद्वालुओं ने प्रसाद का ग्रहण किया. सोमवार की सुबह पवित्र कार्तिक पूर्णिमा के स्नान को श्रद्वालु अहले सुबह से ही पूजन सामग्रियों के साथ खरसावां, बडाबाम्बों, आमदा, कुचाई नदी घाटो पर पहुच गये थे. नदी में पवित्र स्नानोपरांत श्रद्वालुओं ने नदी तट पर तुलसी के पौधे की विधिवत पूजा अर्चना व आरती की. तुलसी माता की पूजा अर्चना के उपरांत श्रद्वालुओं ने उनके साथ पूजन सामग्रियों का विसर्जन किया.
खरसावां वासियों ने परंपरानुसार कदली (केले) के पेड़ के तने के विशेष दोंगा (नाव) पर रखकर नदी में दीपदान किया. दीप दान की प्रक्रिया के पश्चात व्रतियों ने सामर्थ्यानुसार गरीबों व भिक्षुओं को चावल आदि का दान दिया. इस दौरान मनोकामना नाथ महादेव मंदिर में मुख्य रूप से खरसावां वन पदाधिकारी शशि प्रकाश रंजन, रेंजर अर्पणा चन्द्रा, रेंजर प्रमोद ठाकुर, रेंजर दिनेश चन्द्रा, फोरेस्टर लोदरों हेस्सा, दिलीप मिश्रा, वनकर्मी अमित पटनायक, विशाल महतो, सोमाय सोरेन, सरोज माहली, दाखिन टूडू, सुरेश मुर्मू, गोविन्द्र गोप, मनीष मुर्मू, मालदेव मुर्मू, विरेन्द्र माहली आदि उपस्थित थे.
पूर्णिमा पर केले के नाव बहाए
खरसावां में कार्तिक पूर्णिमा पर महिलाओं ने विभिन्न नदियों में स्नान कर केले वृक्ष के छिलके से बने नाव पानी में प्रवाहित किए. श्रद्वालुओं ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान कर केले के छिलके से बनी नाव प्रवाहित करने की परंपरा है. इससे घर के लोग दीर्घाय होते है. नाव को फूल व अगरबत्ती से सजाया जाता है. इस कारण स्थानीय भाषा में इसे डोंगाभोषा पूर्णिमा भी कहा जाता है.
Reporter for Industrial Area Adityapur