खरसावां : खरसावां प्रखंड मुख्यालय में जिला बाल संरक्षण इकाई सरायकेला-खरसावां के द्वारा प्रखंड स्तरीय बाल विवाह, यौन अपराध से बच्चों की सुरक्षा, बाल मजदूरी एवं बाल व्यपार आदि विषयों पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का विधिवत उदघाटन खरसावां प्रमुख मनेन्द्र जामुदा, खरसावां प्रखंड विकास पदाधिकारी गौतम कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया.
इस अवसर पर श्री कुमार ने कहा कि बाल विवाह सामाजिक कुप्रथा और कानूनन अपराध है. प्लीज़ अपनी बेटी पर इसका बोझ मत डालिए. बिटियों को शिक्षित कीजिए. बाल विवाह एक कुरीति ही नहीं बल्कि अपराध भी है. बाल विवाह संपन्न कराने में सहयोगीयों पर अपराध पंजीबद्ध होता है और कार्रवाई की जाती है. इस प्रकार की कुरीति को समाज से कैसे दूर किया जाये. इस पर मंथन और चिंतन सभी समाज को करना है. उन्होंने कहा कि आज सभी समाज के प्रमुख यहां उपस्थित है. सभी संकल्प लेकर जायें कि हमारे समाज में बाल विवाह नहीं होगा. तभी इस कार्यशाला की सार्थकता होगी. श्री जामुदा ने कहा कि बाल विवाह से बच्चों को मानसिक और शारीरिक तौर पर गहरा असर होता है. साथ ही उन्होंने महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा का भी जिक्र किया.
इस दौरान जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी संतोष कुमार ठाकुर ने बाल विवाह का दुष्परिणाम से अवगत कराते हुए कहा कि बाल विवाह से बच्चों का मानसिक विकास में अवरोधक, बचपन समाप्त हो जाना घरेलू हिंसा, शोषण का शिकार होना पारिवारिक जिम्मेदारियों के और समय से बौद्धिक भावनात्मक मानसिक एवं शारीरिक समस्या उत्पन्न होना. कम उम्र में विवाह होने से कुपोषित, कम वजन के बच्चे का पैदा होना, बाल विवाह से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी बढ़ोतरी होती है.
इसके अलावा किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य महावीर महतो ने बाल विवाह कुपोषण डायन प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों से उपस्थित महिलाओं, सेविका, सहायिका को अवगत कराया. इस दौरान मुख्य रूप से प्रमुख मनेन्द्र जामुदा, बीडीओ गौतम कुमार, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी संतोष कुमार ठाकुर, महावीर महतो, विक्रम आदित्य राय, महिला सुपरवाइज्जर प्रिया कुमारी, शांति कोड़ा, चन्द्रावती आल्ड्रा सहित आंगनबाड़ी सेविकाए उपस्थित थे.
Reporter for Industrial Area Adityapur