आज सफला एकादशी है. आज के दिन का वैदिक संस्कृति में विशेष महत्व है. आचार्य उत्कर्ष आनंद के वैदिक गनना से जाने आज के दिन का क्या है महत्व. कैसे आप अपने जीवन में ला सकते हैं शांति सुख समृद्धि.
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वैदिक पंचांग
दिनांक – 19 दिसम्बर 2022
दिन – सोमवार
विक्रम संवत – 2079
शक संवत -1944
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत ॠतु
मास – पौष (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार मार्गशीर्ष)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – एकादशी 20 दिसम्बर रात्रि 02:32 तक तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र – चित्रा सुबह 10:31 तक तत्पश्चात स्वाती
योग – अतिगणड 20 दिसम्बर रात्रि 03:21 तक तत्पश्चात सुकर्मा
राहुकाल – सुबह 08:32 से सुबह 09:53 तक
सूर्योदय- 07:11
सूर्यास्त – 17:59
दिशाशूल – पूर्व दिशा में
व्रत पर्व विवरण- सफला एकादशी
विशेष – हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है.
राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है.
एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए.
एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है.
एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है.
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं.
वैदिक पंचांग
सफला एकादशी
19 दिसम्बर 2022 सोमवार प्रातः 03:33 से 20 दिसम्बर, मंगलवार को रात्रि 02:32 तक (यानी 19 दिसंबर, सोमवार को पूरा दिन) एकादशी है.
विशेष – 19 दिसम्बर, सोमवार को एकादशी का व्रत उपवास रखें.
सफला एकादशी ( व्रत से सभी कार्य सफल होते हैं. यह सुख, भोग और मोक्ष देनेवाली है. इस रात को जागरण करने से हजारों वर्षों की तपस्या करने से भी अधिक फल मिलता है.
वैदिक पंचांग
विघ्न-बाधाएँ दूर करने हेतु मंत्र
अगर साधना में विध्न आते हों तो ‘ॐ नमो सर्वार्थसाधिनि स्वाहा’ इस मंत्र का जप करके हाथ में जल ले के अपने आसन के चारों ओर छोड़ते हुए घेरा बना ले.
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Reporter for Industrial Area Adityapur