चाईबासा: पदापहाड़ में आवागमन हेतु रेल फाटक को पुनः खोले जाने की मांग को लेकर बुधवार को झारखण्ड राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने डीआरएम को पत्र प्रेषित करते हुए मांग किया कि चक्रधरपुर रेल मंडल अंतर्गत डांगुवापोसी सेक्शन के पदापहाड़ स्टेशन क्षेत्र के पदापहाड़ ग्राम में हजारों ग्रामीण प्रतिदिन अपनी दैनिक आवश्यकता की वस्तु दैनिक मजदूरी करने, तथा स्कूल- कॉलेज आने- जाने तथा अस्पताल आने- जाने हेतु रेलवे लाईन पार कर आवागमन करते है.
जहां पदापहाड़ रेलवे स्टेशन से बड़ाजामदा तथा बांसपानी रेलवे का जंक्शन है. जहां दोनों ओर से प्रतिदिन सैकड़ों मालवाहक और यात्री रेलगाड़ियों का आना- जाना होता है.
पत्र में आगे श्री कोड़ा ने कहा कि देश आजादी के बाद जब इस पदापहाड़ स्टेशन से आगे रेल परियोजना को ले जया गया तो पदापहाड़ की खेतीहर जमीन एवं मकान को रेल प्रबंधन द्वारा उस समय लिया गया तथा डांगुवापोसी- बासपानी सिंगल लाईन से डबल लाईन बनाने के लिए पदापहाड़ ग्राम वासियों का जमीन लिया गया, जिसका आज तक सभी लोगों को जमीन का मुआवजा तथा नौकरी नहीं दिया गया है. इसके लिए हमेशा रेल प्रबंधन को पत्राचार तथा मिलकर मुआवजा राशि तथा नौकरी की मांग की गई परन्तु उनकी मांगों और बातों को अबतक नहीं सुना जा रहा है.
आगे पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कहा कि आजादी के बाद पदापहाड़ रेल परियोजना के समय जब रेल बिछाया गया तो पदापहाड़ ग्रामवासी तथा इस रेल रास्ते से कदाजामदा, उलीहातु झीरपाई एवं बाईहातु ग्राम के हजारों लोगों का आवागमन इस रास्ते से हुआ करता था. उस समय पदापहाड़ ग्रामवासी के लिए रेल प्रबंधन द्वारा ग्रामवासियों के आवागमन हेतु रेल लाईन पर दो स्थान पर मानव रहित रेल क्रोसिंग दिया गया था जिससे लोग आते- जाते थे. साल 2000 में डांगुवापोसी- बांसपानी रेल लाईन का दोहरीकरण होने दोनों रेल क्रोसिंग से आवागमन बंद हो जाने से ग्रामीण को खेती के समय कृषि उपज तथा दैनिक आवश्यकता हेतु हाट बाजार तथा अस्पताल आने- जाने में बहुत कठीनाई हो रही है.
पिछले दिनों दिसम्बर 2022 के दूसरे सप्ताह में इस मानवरहित रेल क्रोसिंग पर चार चक्का वाहन फंस जाने के कारण रेल गाड़ी द्वारा ठोकर लगने से दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इसी दिन से रेल प्रबंधन द्वारा एक मानव रहित रेल क्रोसिंग जिससे ग्रामीण किसी तरह आवागमन करते थे, उसके सामने भी बड़े- बड़े गड्ढे खोद कर बंद कर दिए गए हैं. जिससे ग्रामीणों की कठिनाई और भी बढ़ गई है. इससे रेल प्रशासन की क्रूरता और अमानवीय रवैया झलकता है जो घोर अपत्तिजनक है. जिन ग्रामीणों के जमीन पर आज रेल गाड़ी चल रही है और चक्रधरपुर रेल प्रबंधन को प्रतिवर्ष 10000 करोड़ की आमदानी होती है आज वहां के ग्रामीणों के आवागमन का रास्ता बंद कर दिया गया है. जो पदापहाड़ स्टेशन क्षेत्रवासियों के साथ अन्याय है.
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने मांग किया है कि पदापहाड़ स्टेशन रेल क्षेत्र के आम ग्राम वासियों को मानवीय मुआवजा तथा नेचुरल जस्टिस के आधार पर शीघ्र से शीघ्र दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों के आवागमन हेतु रेल लाईन क्रोसिंग का निर्माण किया जाए, अन्यथा ग्रामीणों द्वारा बाध्य होकर अनिश्चितकालीन आन्दोलन किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी केवल रेल प्रबंधन की होगी. मौके पर युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रीतम बांकिरा, नगर अध्यक्ष अमन महतो, सन्नी रॉबर्ट अन्थोनी आदि उपस्थित थे.
Reporter for Industrial Area Adityapur