दुमका/ Mohit Kumar जिले में उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य के साथ चार दिवसीय सूर्य उपासना का महापर्व चैती छठ सफलतापूर्वक संपन्न हो गया. बाबा बासुकीनाथ धाम में चैती छठ को लेकर काफी धूम देखी गई. छठ पूजा को लेकर बासुकीनाथ स्थित शिवगंगा सरोवर की साफ- सफाई का विशेष ध्यान रखा गया.

वही व्रतियों की भीड़ को देखते हुए और छठ घाट आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए जरमुंडी पुलिस प्रशासन की टीम भी तैनात रही. इस अवसर पर चैती छठ पूजन के महत्व के बारे में बताते हुए धनंजय सिंह ने बताया कि महाभारत काल से ही छठ पूजन की शुरुआत हुई थी. इस पर्व को सबसे पहले सूर्यपुत्र कर्ण ने की थी. कहा जाता है कि कर्ण भगवान सूर्य के परम भक्त थे और वे रोज घंटों तक पानी में खड़े होकर उन्हें अर्घ्य देते थे. सूर्य की कृपा से ही वे महान योद्धा बने. आज भी छठ में अर्घ्य दान की यही परंपरा प्रचलित है. छठ पूजा में डूबते सूर्य की उपासना की जाती है. मान्यता है कि छठी मईया की पूजा करने से संतान को दीर्घायु की प्राप्ति होती है. इसके साथ संतान सुख के लिए भी छठ का व्रत रखा जाता है. हिंदू धर्म में छठ पूजा का महत्व काफी अधिक है.

Reporter for Industrial Area Adityapur