गया (Pradeep Kumar Singh) बोधगया में चल रहे बौद्ध महोत्सव-2023 के दूसरे दिन ज्ञान यात्रा निकाली गई. यह ज्ञान यात्रा बोधगया के ढुङ्गेस्वरी पहाड़ के समीप से निकलकर सुजाता गढ़ तक पहुंची. इस ज्ञान यात्रा में विश्व के कई देशों के बौद्ध श्रद्धालु, स्थानीय स्कूली बच्चे, प्रशासनिक पदाधिकारी एवं गणमान्य लोग शामिल हुए. यात्रा के दौरान ज्ञान का संदेश दिया गया.
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इस ज्ञान यात्रा में शामिल अखिल भारतीय बौद्ध भिक्क्षु संघ के महामंत्री भिक्क्षु प्रज्ञा दीप ने बताया कि बौद्ध धर्म में ज्ञान का बहुत ही महत्व है. भगवान बुद्ध स्वयं ज्ञान प्राप्त करने के लिए ढुङ्गेस्वरी पहाड़ की गुफा में 6 वर्षों तक कठिन तप किए थे. जब यहां ज्ञान प्राप्त नहीं हुई तो यहां से पैदल ही वे बोधगया के निरंजना तट पर पहुंचे, जहां उन्हें पवित्र पीपल वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई. जिसके बाद उन्होंने पूरी दुनिया को ज्ञान का संदेश दिया था. ज्ञान के बिना मनुष्य का जीवन शून्य है. इसलिए हर किसी को ज्ञान अर्जित करना चाहिए. इसी रास्ते से भगवान बुद्ध बोधगया तक पहुंचे थे. जिस ढुङ्गेस्वरी पहाड़ की गुफा में उन्होंने कठिन तपस्या की थी, उसे प्रागबोधि भी कहा जाता है. इसलिए प्रतिवर्ष बौद्ध महोत्सव के दौरान यह ज्ञान यात्रा आयोजित की जाती है. जिसमें विश्व के कई देशों के बौद्ध धर्मगुरु, लामा व श्रद्धालु शामिल होते हैं. जिस पथ पर कभी भगवान बुद्ध चले थे, उस पथ पर आज हमलोग चले हैं. ताकि पूरी दुनिया में ज्ञान का प्रकाश फैले और विश्व का कल्याण हो.
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भिक्षु प्रज्ञा दीप (महामंत्री- अखिल भारतीय भिक्षु संघ)
Reporter for Industrial Area Adityapur