खरसावां (प्रतिनिधि) अलास्का में पाये जाने ब्लूथ्रोट पक्षी पहली बार खरसावां क्षेत्र में देखा गया है. ब्लूथ्रोट (लुसकिनिया सेवेसिका) एक छोटी गौरैया पक्षी है. जिसे माना जाता है पुरानी दुनिया का फ्लाईकैचर, मस्किकापिडे है. यह एक प्रवासी कीटभक्षी प्रजाति है, जो गीली सन्टी लकड़ी या जंगली दलदल में प्रजनन करती है. यह पक्षी यूरोप में और पर्ले आर्कटिक के पार पश्चिमी अलास्का में पैर जमाने के साथ घोंसला बनाता है.
उक्त बाते खरसावां के बुनियादी बीज प्रगुणन व प्रशिक्षण केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ तिरूपम रेड्डी ने कही. उन्होने कहा कि ब्लूथ्रोट पक्षी जनेेवबो या घनी झाड़ियों में कम. यह उत्तरी अफ्रीका पायी जाती है. सर्दियों में उपमहाद्वीप में यह पक्षी नजर आती है. पहली बार खरसावां में सुबह के समय धान के खेतों के पास नजर आया है. यह कीटों का शिकार कर रहा था (फसलों को नुकसान पहुंचाता है). ब्लूथ्रोट (लुसिनिया स्वेसीका) एक छोटा प्रवासी पक्षी है और भारत में आता है. अलास्का के रास्ते यह उपमहाद्वीप तक पहुंचते हैं. ये प्रति दिन 80- 100 किमी तक यात्रा करने में सक्षम है. हिंदी में इस पक्षी को नीलकंठी के नाम से जाना जाता है, जो ब्लूथ्रोट का शाब्दिक अनुवाद है. लेकिन यह नील कंठी भारतीय रोलर से अलग है. जिसे नीलकंठ के नाम से जाना जाता है.
Reporter for Industrial Area Adityapur