DESK रविवार को अंततः भोगड़ा अमृतपाल सिंह को पंजाब के मोगा पुलिस ने हिरासत में ले लिया. वैसे इसे गिरफ्तारी कहना सही नहीं होगा. अमृतपाल ने प्लांनिग के साथ आत्मसमर्पण किया है. आत्मसमर्पण से पूर्व अमृतपाल सिंह ने मोगा के रोडे गांव स्थित गुरुद्वारे में एक संगत को संबोधित किया.
अमृतपाल का करीब दो मिनट का एक वीडियो शोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहा है. जिसमें अमृतपाल काफी मायूस नजर आ रहा है. अमृतपाल संगत को संबोधित कर यह कहता नगर आ रहा है कि उसे झूठे मुकदमे में फंसाया गया है. पिछले एक महीने से उसे तरह- तरह से परेशान किया जा रहा है. उसने कोई गुनाह नहीं किया है. सच्चे बादशाह के दरबार में वह दोषी नहीं है इसलिए बादशाह के दर से ही गिरफ्तारी देने का निर्णय लिया है. ये गिरफ्तारी अंत नहीं शुरुआत है.
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पंजाब पुलिस ने रविवार को 36 दिनों की कसरत के बाद वारिस पंजाब दे चीफ अमृतपाल सिंह को मोगा के रोडे गांव के एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया है. अमृतपाल सिंह, अजनाला हिंसा के बाद से ही फरार चल रहा था. माना जा रहा है कि पुलिस इसे असम स्थित डिब्रूगढ़ लेकर जा सकती है. इसी जेल में इस मामले से जुड़े अन्य आरोपी भी बंद हैं.
अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद पंजाब पुलिस ने ट्वीट कर कहा- अमृतपाल सिंह को पंजाब के मोगा में गिरफ्तार किया गया. आगे की जानकारी पंजाब पुलिस साझा करेगी. पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने और फर्जी खबरें शेयर न करने की अपील की.
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अमृतपाल सिंह, जिनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) लगाया गया है और गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है, वह 18 मार्च से बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान के बावजूद फरार था. अमृतपाल सिंह पिछले साल दुबई से लौटा था, फरवरी में साधारण समारोह में शादी के बंधन में बंध गया.
अमृतपाल सिंह के मुख्य सहयोगी पापलप्रीत सिंह को एनएसए के तहत 10 अप्रैल को अमृतसर से गिरफ्तार किया गया था और उसके खिलाफ छह अन्य मामले भी दर्ज किए गए हैं. पापलप्रीत सिंह एक खालिस्तानी कार्यकर्ता हैं, अमृतसर का रहने वाला पापलप्रीत पहले 2015 में पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस से कथित संबंधों के लिए गिरफ्तार किया गया था.
इससे पहले वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह की ब्रिटेन मूल की पत्नी किरणदीप कौर को गुरुवार को अमृतसर हवाईअड्डे पर रोक लिया गया और आव्रजन अधिकारियों ने बर्मिंघम जाने वाली फ्लाइट में चढ़ने की अनुमति नहीं दी थी. पूछताछ के बाद कौर को अमृतसर जिले के जल्लूपुर खेड़ा स्थित उनके घर भेज दिया गया था और बिना पुलिस को बताए देश छोड़कर नहीं जाने को कहा है.
अमृतपाल सिंह 18 मार्च के बाद से गिरफ्तारी से बच रहा था, अपना ठिकाना बदल रहा था और कई बार तस्वीरों में दिखा. 18 मार्च को जब पुलिस ने जालंधर के रास्ते में उसे गिरफ्तार करने के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई की तो वह मोटरसाइकिल पर भाग गया था. बता दें कि अमृतपाल की तलाश में उसके कई सहयोगियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. उसकी पत्नी को भी विदेश जाने की अनुमति नहीं मिली थी. उससे भी पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया था.
बताया जाता है कि अंतिम बार भागने के समय में भी उसकी अंतिम लोकेशन मोगा में ही मिली थी. उसके बाद उसकी तलाश में पंजाब पुलिस पंजाब सहित आसपास के राज्यों में भी सघन तलाशी अभियान चला रही थी. उसके वेश बदल बदल कर भागने की बात सामने आई थी. पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही थी.
अमृतपाल के सभी साथियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था. उसके साथियों से लगातार पूछताछ की जा रही थी. माना जा रहा है कि जब पुलिस ने उनकी पत्नी पर दबाव बनाना शुरू किया तब अमृतपाल ने आत्मसमर्पण का निर्णय लिया. और सोची समझी रणनीति के तहत अपनी गिरफ्तारी दी. फरार होने के दौरान वह सोशल मीडिया के जरिए कई बार वीडियो जारी कर चुका था.
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Reporter for Industrial Area Adityapur