आदित्यपुर: सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर नगर निगम की महत्वाकांक्षी परियोजना सीवरेज ड्रेनेज सिस्टम जो करीब 300 करोड़ की योजना है, लगभग 4 साल बीत चुके हैं अब तक परियोजना को धरातल पर उतार पाने में नगर निगम प्रशासन विफल रहा है. इतना ही नहीं करीब 400 करोड़ की आदित्यपुर शहरी जलापूर्ति योजना भी कागजों पर सिमट कर रह गई है. हां इसके एवज में क्षेत्र की जनता को भारी-भरकम टैक्स जरूर चुकाना पड़ रहा है. पूरे 5 साल इसकी आड़ में नगर निगम के माननीय केंद्र प्रायोजित योजना का जमकर बंदरबांट करने में लगे रहे.
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बता दें कि सीवरेज ड्रेनेज सिस्टम के लिए शापूरजी पालोन जी को टेंडर दिया गया था. जिसमें सारा काम नए सिरे से करना था. मगर नगर निगम के अधिकारियों एवं माननीयों के मिलीभगत से ऐसा नहीं हुआ. इसके लिए अलग से टेंडर निकाला गया और पुराने ढांचे में ही पाइप लाइन डालकर उस पर मिट्टी रखकर काम कागजों में पूर्ण दिखा दिया गया. इसका जीता जागता उदाहरण इन तस्वीरों में देख सकते हैं.
शिलापट्ट
नीचे उसका वीडियो फुटेज भी उपलब्ध कराया जा रहा है जिसे आप भी गौर से देखें और तय करें कि किस तरह से नगर निगम में केंद्र प्रायोजित एवं राज्य प्रायोजित योजना का बंदरबांट किया गया. बताते चलें कि झारखंड में उस वक्त डबल इंजन की सरकार थी. दावा किया जा रहा था कि आदित्यपुर नगर निगम को स्वीटजरलैंड और हांगकांग बना दिया जाएगा, मगर 5 साल बाद आलम यह है कि यहां की जनता बूंद- बूंद पानी को तरस रही है, और लोग बढ़े हुए टैक्स देने को मजबूर हैं.
सीवरेज ड्रेनेज सिस्टम को लेकर यहां की जनता पूर्व से ही त्राहिमाम कर रही थी. अब ऐसे घटिया निर्माण कार्य से यहां कि लोगों को निजात मिलेगा या उनकी परेशानी और बढ़ेगी इसका अंदाजा आप स्वतः लगा लें. लोग अब नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाते नजर आने लगे हैं, हालांकि इसके लिए केंद्र सरकार भी कम जिम्मेदार नहीं है. स्वच्छता रैंकिंग में लगातार 4 साल तक आदित्यपुर नगर निगम फिसड्डी रहा है, जबकि टैक्स वसूली में अव्वल रहा है. इसके लिए यहां की जनता को धन्यवाद देना चाहिए जो बगैर सुविधा के भी टैक्स देने में ईमानदारी बरत रहे. स्वच्छ सर्वेक्षण करने वाली टीम ने यहां के मेयर को प्रधानमंत्री सम्मान देने की अनुशंसा की है. आखिर किस मुंह से पूर्व मेयर सम्मान को लेने जाएंगे.
इतना ही नहीं ऐसे कई मामले हमारे पास आ रहे हैं, जिसे सिलसिलेवार ढंग से आप तक पहुंचाया जाएगा. फिलहाल इस खबर को पढ़िए और नगर निगम के भ्रष्टाचार लीला को जानिए. वैसे आदित्यपुर नगर निगम का वर्तमान कार्यकाल पूर्ण हो चुका है. माननीय मेयर, डिप्टी मेयर से लेकर माननीय पार्षद गण बेरोजगार हो चुके हैं. अब हाय तौबा मचा रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द चुनाव हो और फिर से लूट का उन्हें मौका मिले, मगर जनता तक उनके भ्रष्टाचार लीला को पहुंचाना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है. इसलिए आप तक ऐसी खबरें पहुंचाई जा रही है. वैसे इस भ्रष्टाचार लीला में वर्तमान अपर नगर आयुक्त से लेकर सिटी मैनेजर की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए, जो लगातार तीन सालों से यहां जमे हुए हैं.
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