औरंगाबाद/ Dinanath Mouar औरंगाबाद की फिजाओं में अब लोकसभा चुनाव की हवा बहने लगी है. 17 लोकसभा चुनावों के बाद इस बार 2024 में 18 वीं लोकसभा के लिए चुनाव होने वाले है. सत्ताधारी दल से लेकर विपक्ष तक में टिकट के मामले में “एक अनार सौ बीमार” वाली स्थिति है.
चुनावों में अलग- अलग दलों के उम्मीदवारों के लड़ने, हारने और जीतने की परंपरा तो चलती ही है. इसी परंपरा की कड़ी में इस बार के लोकसभा चुनाव की भी चुनावी बिसात बिछी है. हर दल और गठबंधन से उम्मीदवार आने वाले हैं. चुनावी फिजां में कई नाम तैर रहे हैं. कोई अपने को किसी से कम आंकने को तैयार नहीं है. पर कहते हैं कि सब के निशाने पर वही होता है जो निवर्तमान विजेता हुआ करता है. यही बात औरंगाबाद में भी लागू हो रही है. अभी यहां से बीजेपी के सांसद सुशील कुमार सिंह सीटिंग एमपी होने के नाते अपनी पार्टी से टिकट कंफर्म मान कर चल रहे हैं, पर उन्हें अपने ही दल के लोग चुनौती देने को तैयार हैं. ऐसे कई लोग हैं जिनकी चाहत है कि सांसद को पार्टी टिकट ही नहीं दे और उन्हें ही टिकट मिले. बीजेपी में ऐसे नेताओं में पार्टी की राज्य कार्यसमिति के सदस्य गोपाल शरण सिंह, पूर्व मंत्री व पूर्व विधायक रामाधार सिंह और बेटी बचाओ बेटी- पढ़ाओ प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण सिंह के नाम शुमार है.
इतना तो तय है कि औरंगाबाद की लोकसभा सीट बीजेपी की सीटिंग सीट होने के कारण पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है. लिहाजा यह भी तय है कि पार्टी जीत की संभावना को देखकर ही उम्मीदवार का नाम फाइनल करेगी. चूंकि औरंगाबाद की लोकसभा सीट अभी बीजेपी के कब्जे में है. इस वजह से विपक्ष या विपक्षी इंडी गठबंधन भी मजबूत उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है. यहां भी टिकट के मामले में बीजेपी वाली ही स्थिति है. औरंगाबाद में पूर्व सांसद निखिल कुमार को कांग्रेस का सर्वमान्य नेता माना जाता है. लिहाजा वे इंडी गठबंधन में कांग्रेस के प्रबल दावेदार हैं. लेकिन उन्हें भी अपने दल के अंदर चुनौती मिल रही है. यहां भी पूर्व मंत्री अवधेश कुमार सिंह का नाम कांग्रेस के लोकसभा टिकट के प्रबल दावेदार के रूप में चर्चा में है. वहीं निखिल कुमार को पिछले दो लोकसभा चुनाव में मिली पराजय के कारण इंडी गठबंधन की घटक आरजेडी भी इस सीट पर दावेदारी ठोक रही है. राजद की ओर से लोकसभा टिकट के दावेदार की बात करें तो प्रमुख नाम स्थानीय निकाय कोटे की विधान परिषद सीट से आरजेडी से चुनाव लड़ चुके अनुज कुमार सिंह का भी है. इन प्रमुख नामों के बीच कई अन्य छोटे दल भी औरंगाबाद की लोकसभा सीट पर उम्मीदवार उतारने को बेताब दिख रहे हैं.
बहरहाल दलों में टिकटार्थियों के तैरते नामो के बीच जनता ही असली मालिक है, जिन नेताओं को जिन- जिन दलों से टिकट मिलेगा, वे ही चुनावी मैदान में उतरेंगे और जनता उन्ही को अपना फैसला भी सुनाएंगी. अब जरा जनता का मिजाज कैसा है इसे आप भी सुनें. देखें जनता की प्रतिक्रिया.
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Reporter for Industrial Area Adityapur