चक्रधरपुर/ Ashish Kumar Verma पूरे राज्य में नगर निकाय के कार्यकाल समाप्त हो चुके हैं, परंतु चुनाव नहीं हो पाया. सभी नगर निकाय अवक्रमित हो चुके. अब उक्त स्थान पर प्रशासक की नियुक्ति हो चुकी है. अब उक्त निकायो का कार्य सरकार के द्वारा नियुक्त प्रशासन के द्वारा निपटाए जाएंगे. चुनाव ना कराना राज्य सरकार की बड़ी विफलता कही जाएगी.
उक्त बातें भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष पवन शंकर पांडे ने कही. श्री पांडे ने बयान जारी करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार कोई भी चुनाव कराना नहीं चाहती. पंचायत चुनाव को भी टालने का प्रयास किया गया. परंतु जब केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय सहायता रोकने की बात कही गई, तब आनन-फानन में पंचायत चुनाव कराए गए. अब नगर निकाय चुनाव सरकार कराना ही नहीं चाहती है. वह चाहती है कि नगर निकाय के चुनाव ना हो, जनता सीधे जनप्रतिनिधि से ना जुड़ सकें. जब विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव समय पर किए जा सकते हैं तो नगर निकाय चुनाव क्यों नहीं किए जा सकते हैं. नगर निकाय के चुनाव भी समय पर होना चाहिए. सरकार द्वारा निकायों के चुनाव ना करना लोकतंत्र की हत्या करने के समान है. आज आम नागरिकों को अपने कार्य कराने में काफी दिक्कतें हो रही है.
कई राज्यों में निकाय चुनाव हुए हैं और हो भी रहे हैं. परंतु झारखंड में कार्यकाल समाप्त होने के पश्चात भी चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं. यह एक गंभीर समस्या है. इस पर विचार करना चाहिए. श्री पांडे ने इस पर महामहिम राज्यपाल महोदय का ध्यान आकृष्ट कराते हुए मांग की है, कि निकाय एक संवैधानिक संस्था है. वहां चुनाव होना चाहिए, जो अति आवश्यक है. तत्काल विचार करते हुए मार्ग निकालने की आवश्यकता है. ताकि निकाय चुनाव हो सके और जनता के कार्य सुगमता से हो.