खरसावां: प्रखंड के ग्रामीणों ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं कला संस्कृति खेलकूद एवं पर्यटन विभाग झारखंड सरकार के प्रधान सचिव के नाम पर खरसावां प्रखंड विकास पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर भारत गणराज्य में खरसावां देशी रियासत के विलय अनुबंध के तहत सरकारी रथयात्रा को प्रथम श्रेणी राजकीय खरसावां के देशिय रियासत के सरकारी महाप्रभु जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव का दर्जा देने की मांग की है.
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ज्ञापन में कहा गया है कि खरसावां देशिय रियासत के तत्कालीन राजा श्री रामचंद्र सिंहदेव के रियासत को भारतीय गणराज्य में विलय के समय तत्कालीन गृहमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल के साथ कटक उड़ीसा में विलय अनुबंध के तहत खरसावां रियासत के विभिन्न मंदिरों मठों पूजा- पाठ का आयोजन समय अनुसार भारतीय गणराज्य के विभिन्न राज्य सरकारों के द्वारा आज तक निर्बाध रूप से संचालित हो रही है. जिसमें वर्ष 1947- 48 तक उड़ीसा सरकार, वर्ष 1948 से 2000 तक बिहार सरकार एवं 2000 से आज तक झारखंड सरकार द्वारा आयोजित एवं संचालित कराई जा रही है. खरसवां के तत्कालीन राजा राम चन्द्र सिंहदेव एवं तत्कालीन गृहमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल के विलय अनुबंध के तहत एकमात्र सरकारी एवं विधि द्वारा बजटीय प्रवधानों के तहत जगन्नाथ महाप्रभु की रथयात्रा का आयोजन किया जा रहा है. सरकारी स्तर पर रथयात्रा का सौभाग्य खरसावां के लोगों को प्राप्त है.
खरसावां अंचल से महाप्रभु जगन्नाथ का सरकारी रथ यात्रा लगभग 326- 27 वर्षों से आयोजित होती आ रही है. ऐसे परंपरागत आयोजन को प्रोत्साहित एवं संरक्षण अति आवश्यक है. यह हमारे झारखंड राज्य की विविधता मे एकता के परिचय को मजबूती से कड़ियों को जोड़ने के लिए झारखंड राज्य के खरसावां सरकारी रथयात्रा को प्रथम श्रेणी के राजकीय महोत्सव के रूप मे दर्जा देकर खरसावां ने महाप्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा का प्रतिवर्ष आयोजन करवाने की मांग की है.
ज्ञापन की प्रतिलिपि भारत सरकार के जनजातीय केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान एवं खरसावां विधायक दशरथ गागराई को दी है. ज्ञापन देनेवालों में नंदू कुमार पांडे, गोवर्धन राऊत, मानिक प्रसाद सिंहदेव, विमल कुमार आचार्य, परमेंदु राउत, सौरभ कुमार चौधरी, सत्यवान पात्र, मुन्ना कुमार दे, सुब्रत सतपति, रामनारायण सारंगी, राकेश विषेई सहित 120 लोगों के हस्ताक्षर है.
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