आदित्यपुर/ गम्हरिया: सरायकेला- खरसावां जिला के गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत बलरामपुर मौजा में सरकारी वन विभाग के जमीन की लूट मची है. जमीन माफिया धड़ल्ले से सरकारी जमीन को औने- पौने दामों में बेच रहे हैं, जिस पर ना तो वन विभाग गंभीर है ना ही स्थानीय पुलिस प्रशासन.
हम आपको यहां एक वीडियो क्लिप दिखा रहे हैं जिससे साफ हो जाएगा कि किस तरह जमीन माफिया सरकारी जमीन को धड़ल्ले से बेच रहे हैं. पहले आप इस वीडियो क्लिप को देखिए. उसके बाद आपको जमीन माफिया से लेकर जमीन की दलाली में जुड़े सफेदपोश के सम्बंध में जानकारी मिल जाएगा. साथ ही यह भी पता चल जाएगा कि उन्हें किसका संरक्षण प्राप्त है.
देखें video क्लिप
दरअसल इस वीडियो क्लिप में वन विभाग की जमीन खरीद कर अवैध निर्माण कर रही महिला फोन पर जिन व्यक्तियों के विषय में बता रही है उनका पुराना आपराधिक इतिहास रहा है. फोन पर महिला किसी चंदन नाम के शख्स से बात करती नजर आ रही है, जबकि यह भी बता रही है कि उसने जमीन किसी राजेश गोप नामक शख्स से खरीदा है. महिला यह भी बता रही है कि उसने जमीन के एवज में सात लाख चुकाए हैं. सूत्र बताते हैं कि जमीन के इस खेल में सरायकेला जेलब्रेक से जुड़ा एक अपराध कर्मी भी शामिल है.
क्या कर रहा वन विभाग ?
इतने बड़े पैमाने पर जमीन माफिया वन विभाग की जमीन की लूट मचा रहे हैं. ऐसे में अहम सवाल यह उठता है, कि आखिर वन विभाग के अधिकारी कहां हैं ? क्या जमीन के इस खेल में वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत भी है ? बहरहाल समय रहते यदि वन विभाग जमीन के इस लूट को गंभीरता से नहीं लेते तो निश्चय ही आने वाले दिनों में बड़े भूभाग को जमीन माफिया बेच कर डकार जाएंगे शुरू होगी राजनीति. और पिसे जाएंगे गरीब, लाचार एवं बेबस जनता जो अपने जीवन भर की गाढ़ी कमाई अवैध जमीन खरीदने से लेकर उसमें निर्माण कराने तक लुटा चुके होंगे.महिला ममता देवी जिस राजेश गोप का जिक्र कर रही है ये उसी राजेश गोप की तस्वीर है.
दुर्गा सोरेन सेना ने किया विरोध
वही इस मामले पर दुर्गा सोरेन सेना के जिला अध्यक्ष सन्नी सिंह ने झामुमो नेता राजेश गोप पर वन विभाग की जमीन बेचने का आरोप लगाते हुए जिले के उपायुक्त से अविलंब इस पर रोक लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा झामुमो नेता राजेश गोप खुद को मंत्री चंपई सोरेन का करीबी बताकर वन विभाग की जमीन ओने- पौने दामों पर बेच रहे हैं, जिस पर समय रहते नकेल नहीं कसा गया तो करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव में बेच दिए जाएंगे. उन्होंने स्थानीय पुलिस प्रशासन से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.