सरायकेला: एक तरफ झारखंड सरकार राज्य के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने का दंभ भरती है, दूसरी तरफ राज्य के शिक्षा विभाग में बैठे अधिकारी सरकार दावों को मटियामेट करने में जुटे हैं.
सरकारी आदेश के अनुसार जिला शिक्षा अधीक्षक को हरेक माह कम से कम 10- 12 स्कूलों का निरीक्षण करना है, ताकि स्कूलों की स्थिति में सुधार के साथ- साथ बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके. मगर ऐसा हो रहा है ? क्या जिला शिक्षा अधीक्षक अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं ? इसका खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट व बीजेपी नेता सरमा देवगम ने किया है. प्राथमिक शिक्षा निदेशालय रांची, झारखंड को आरटीआई के तहत आवेदन भेजकर डीएसई सरायकेला- खरसावां द्रारा 2020 से लेकर 2023 तक के औचक निरीक्षण किये गये स्कूलों की सूची की मांग की गई थी. प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के आदेशानुसार जिला शिक्षा अधीक्षक सरायकेला- खरसावां ने श्री देवगम को जो सूची उपलब्ध करायी है वह चौंकानेवाली है. सूची के अनुसार साल 2022 में जिला शिक्षा अधीक्षक ने पूरे साल 13 स्कूलों का निरीक्षण किया जो इस प्रकार हैं.
देखें सूची
इस सूची को देख आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि जिला शिक्षा अधीक्षक सरकार के सपनों को किस तरह मटिया मेट करने में तुले हैं. यही वजह है कि जिले के स्कूलों में शिक्षा दे रहे शिक्षक अपनी ड्यूटी महज खानापूर्ति के रूप में कर रहे हैं, और बच्चों की शिक्षा भगवान भरोसे चल रही है. बता दें कि सरायकेला- खरसावां जिले में लगभग 1500 से अधिक स्कूल हैं (प्रा0+मध्य) जो भगवान भरोसे चल रहे हैं. इन स्कूलों को देखने वाला कोई नहीं है.
Reporter for Industrial Area Adityapur