कांड्रा (विपिन वार्ष्णेय) पदमपुर स्थित टोल प्लाजा से पिछले तीन महीने से अवैध वसूली का खेल चल रहा है. इसकी भनक किसी को नहीं है. यदि है तो सब मिलकर सरकार को लाखों का चूना लगा रहे हैं. इंडिया न्यूज़ वायरल बिहार/ झारखंड की टीम को जैसे ही इसकी भनक लगी, टीम के सदस्यों ने टोल ब्रिज पहुंच मामले की छानबीन शुरू की.
जहां टोल ब्रिज कर्मियों ने फोटो लेने से मना कर दिया. जब हमारी टीम ने सख्ती दिखाई और टॉल वसूली से संबंधित कागजात मांगे तो उनके द्वारा बताया गया कि आरसीडी विभाग से आप संपर्क करें. हमारी टीम ने आरसीडी विभाग में संपर्क किया. वहां के अधिकारी ने बताया कि कंपनी को एक्सटेंशन दिया गया है. हमारी टीम ने जब एक्सटेंशन से संबंधित कागजात की मांग की तो अधिकारी ने कहा, आप ऑफिस आइए. जब हमारे प्रतिनिधि ने उनसे व्हाट्सएप पर पेपर भेजने या टोल ब्रिज कर्मी को दिखाने का आदेश देने की बात कही तो उन्होंने टालमटोल किया. फिर बाद में कहा आज मैं रांची में हूं. कल आप ऑफिस आ कर मिलें.
सबसे बड़ी बात यह है, कि जिस एजेंसी को टोल वसूली का जिम्मा मिला है, उसके पास वैध कागजात क्यों नहीं है ? इस संबंध में हमारी टीम ने जिले के उपायुक्त से भी जानना चाहा, मगर उपायुक्त ने फोन रिसीव नहीं किया. संभवत: वे किसी मीटिंग में हो सकते हैं.
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पदमपुर टोल प्लाजा का टेंडर तीन माह पूर्व ही समाप्त हो चुका है. नया टेंडर किसी एजेंसी ने नहीं भरा. पथ निर्माण विभाग से इस बाबत जब पूछा गया तो स्पष्ट जवाब उनके द्वारा नहीं दिया गया. इसका मतलब साफ है कि कांड्रा पदमपुर टॉल प्लाजा में अवैध वसूली के खेल में विभागीय मिलीभगत से सरकार को लाखों के राजस्व का चूना लग रहा है.
Reporter for Industrial Area Adityapur