कुचाई: गुरुवार को सरायकेला जिले के कुचाई स्थित मुंडा- मानकी सभागार में ग्राम सभा मंच जिला समिति सरायकेला- खरसावां की बैठक संपन्न हुई. बैठक की अध्यक्षता ग्राम सभा मंच के जिलाध्यक्ष मनोज मुदुईया ने किया.
बैठक में कई प्रस्ताव पारित किए गए, जिसमें सरायकेला- खरसावां जिला के अंदर लंबित सामुदायिक दावे है. उन्हे विधि अनुसार जिला स्तरीय वनाधिकार समिति के समक्ष डीएससी के खिलाफ अपील करने का निर्णय लिया गया. साथ ही आवश्यक कार्रवाई हेतु जिला परिषद के अध्यक्ष, कल्याण मंत्री, मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री, सांसद तथा स्थानीय विधायको को ज्ञांपन सौपने का निर्णय लिया गया.
आगामी 15 नवबंर से 29 दिसम्बर 2022 तक लंबित दावो पर आवश्यक क्रियान्वयन नही करने पर फरवरी या मार्च 2023 में मुख्यमंत्री के विरोध में जिला उपायुक्त कार्यालय पर एक दिवसीय धरना देने का निर्णय लिया गया. इसके अलावा झारखंड सरकार द्वारा विगत 29 दिसम्बर 2020 को जिले के 47 ग्रामो को निर्गत किए गए वनाधिकार प्रमाण पत्र को विधि सम्मत नही बताते हुए उनमें सुधार करने की मांग की गई. बताया कि 20 फरवारी 2021 को मुख्यमंत्री सचिवालय को इस संबंध में अपील ज्ञापन दिया जा चुका है. जिस पर सरकार ने अभी तक संज्ञान में नही लिया है. जबकि केन्द्र सरकार ने वार्ता करने हेतु ध्यानाकृष्ट कराया है. जिसे फरवरी- मार्च 2023 के धरना ज्ञापन कार्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है.
वहीं नया वन संरक्षण नियम 2022 की समीक्षा की गई और सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया, कि वन संरक्षण नियम 2022 कापोरेट घरानो को जंगल समर्पित कर खनन करवाना चाहती है. इसमें ग्राम सभा को भी दरकिनार किया गया है. मौके पर झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन के प्रदेश प्रभारी सोहन लाल कुम्हार ने कहा कि पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार ने बहुराष्ट्रीय उधोगपतियों को वन भूमियों पर उधोग स्थापित करने हेतु वन भूमि उपलब्ध कराने के लिए वन (संरक्षण) नियम 2022 बनाई है. इसे 28 जून 2022 को भारत का राजपत्र में अधिसूचना जारी कर दिया गया है. इस नियम में ग्राम सभा का नामोनिशान नही है तथा वन भूमि पर खनन तथा उधोग स्थापित हेतु उधोगपतियों के ईशारों से नियम बनाने से जंगल समाप्त हो जाएगा. इसका विरोध करने के लिए आगामी 15 नवंबर को सभी प्रखण्डों में इस अधिसूचना को जलाने का निर्णय लिया गया. बैठक में मुख्य रूप से मनोज मुदुईया, सोहन लाल कुम्हार, राजेश मुठरी, वोसेन मुंड़ा, सुरेश सोय, कारू मुंड़ा, मांडवारी मुंड़ा, भरत सिंह मुंड़ा, दिसम्बर सोय, नारयण सिंह मुंड़ा, सुखराम मुंड़ा, गणेश भूमिज, सितम्बर गुदूवा, साधु चरण मुंड़ा, राम कृष्ण सोय, करम सिंह मुंड़ा, सिंगराय मुंड़ा, पाडे मुंड़ा, बनवारी लाल सोय, मंगल सिंह सोय, हरि चरण तियु, छुटु माझी, सीदेव मांझी, बाबलु मांझी, मोनसा मांझी, ओजेन सोय, छोलु सिंह सरदार, बाबलु मुर्मू आदि ग्रामीण उपस्थित थे.
Reporter for Industrial Area Adityapur